PM मोदी का मगध मिशन: बिहार चुनाव में बीजेपी की नई रणनीति

PM मोदी का मगध मिशन
बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के चुनावी अभियान को गति देने के लिए अपने दौरे शुरू कर दिए हैं। इस बार उनका ध्यान बिहार के मगध और मुंगेर क्षेत्र पर है, जिसे बीजेपी का कमजोर गढ़ माना जाता है। शुक्रवार को पीएम मोदी गया, पटना और बेगूसराय का दौरा करेंगे, जहां वे 18,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें बिजली, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसके साथ ही, दो नई अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी.
मगध बेल्ट की चुनावी चुनौतियाँ
मगध बेल्ट में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं, जो पिछले दो चुनावों में बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुई हैं। 2020 के चुनाव में महागठबंधन ने इनमें से 20 सीटें जीती थीं, जबकि एनडीए को केवल 6 सीटें मिली थीं। 2015 में स्थिति और भी खराब थी, जब महागठबंधन ने 21 सीटें जीतीं और एनडीए केवल 5 सीटों पर सिमट गया। 2010 में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने 26 में से 24 सीटें जीती थीं। यही कारण है कि पीएम मोदी इस बार गया से बड़े ऐलानों के जरिए मगध में राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करेंगे.
बेगूसराय में सिक्स लेन पुल का उद्घाटन
मुंगेर प्रमंडल में 22 सीटें आती हैं। 2020 के चुनाव में यहां एनडीए को 13 और महागठबंधन को 9 सीटें मिली थीं, लेकिन 2015 में जब जेडीयू और आरजेडी एक साथ थे, तब एनडीए केवल 3 सीटों पर सिमट गया था। 2010 में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को यहां 18 सीटें मिली थीं। इस बार पीएम मोदी बेगूसराय में सिक्स लेन पुल का उद्घाटन करेंगे, जिससे मुंगेर बेल्ट में चुनावी समीकरण बदलने की संभावना है.
एनडीए पर बढ़ता दबाव
बीजेपी ने मगध और मुंगेर क्षेत्रों में अपनी स्थिति को सुधारने के लिए जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान जैसे नेताओं को शामिल किया है। दूसरी ओर, महागठबंधन इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्राओं ने भी एनडीए पर दबाव बढ़ा दिया है.
बड़े प्रोजेक्ट्स का महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी का यह दौरा पूरी तरह से राजनीतिक है और इसका उद्देश्य 48 सीटों वाले मगध-मुंगेर बेल्ट में बीजेपी की स्थिति को मजबूत करना है। पीएम मोदी का विकास एजेंडा और बड़े प्रोजेक्ट्स की सौगात बीजेपी को इस कमजोर क्षेत्र में लाभ पहुंचा सकती है। नीतीश कुमार के एनडीए में बने रहने से बीजेपी को सहयोग मिला है, और यही कारक इस बार भी निर्णायक साबित हो सकता है.