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Reliance Power पर ED की कार्रवाई: फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े करोड़ों की हेराफेरी का मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Reliance Power Limited और उसकी सहायक कंपनी के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत दायर की है, जिसमें फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है। जांच में Reliance Power द्वारा शेल कंपनियों का उपयोग कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने की पुष्टि हुई है। ED ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, और मामले की आगे की कार्रवाई जारी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आरोपियों की सूची।
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Reliance Power पर ED की कार्रवाई: फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े करोड़ों की हेराफेरी का मामला

नई दिल्ली में ED की जांच


नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Reliance Power Limited और उसकी सहयोगी Reliance NU BESS Ltd के खिलाफ एक पूरक अभियोजन शिकायत दायर की है। यह कार्रवाई SECI को प्रस्तुत की गई कथित फर्जी बैंक गारंटी से संबंधित है, जो 1000 MW / 2000 MWh स्टैंडअलोन BESS प्रोजेक्ट के लिए टेंडर हासिल करने के लिए जमा की गई थी। ED की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें शेल कंपनियों और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की पुष्टि हुई है।


फर्जी बैंक गारंटी का मामला

जांच में यह पाया गया कि Reliance Power ने जानबूझकर शेल कंपनी M/s Biswal Tradelink Pvt Ltd की सहायता से फर्जी बैंक गारंटी तैयार की। इस गारंटी को असली दिखाने के लिए SBI के नाम का नकली ईमेल, फर्जी एंडोर्समेंट लेटर और नकली डोमेन का उपयोग किया गया। ED ने इस मामले में Reliance Power के CFO अशोक कुमार पाल सहित कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।


SECI का टेंडर और गारंटी की आवश्यकता

SECI ने 1000 MW / 2000 MWh स्टैंडअलोन BESS प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किया था, जिसमें बोली लगाने वालों को 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी थी। यदि गारंटी विदेशी बैंक की होती, तो उसे भारतीय शाखा या SBI द्वारा एंडोर्स करवाना आवश्यक था।


जांच में यह भी सामने आया कि Reliance Power ने फर्जी गारंटी FirstRand Bank, Manila और ACE Investment Bank Ltd, Malaysia के नाम पर बनाई। इन गारंटियों को असली दिखाने के लिए नकली ईमेल, फर्जी एंडोर्समेंट लेटर और SBI जैसा डोमेन s-bi.co.in का इस्तेमाल किया गया।


हेराफेरी का खुलासा

ED की जांच में यह भी पता चला कि Reliance Power ने अपनी सहयोगी कंपनी Rosa Power Supply Company Ltd से 6.33 करोड़ रुपये Biswal Tradelink को भेजे। यह राशि ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज के नाम पर भेजी गई, लेकिन सभी वर्क ऑर्डर और इनवॉइस फर्जी पाए गए।


Reliance Power ने शेल कंपनी को 5.40 करोड़ रुपये की बड़ी फीस भी दी ताकि पूरा लेन-देन वैध लगे। हालांकि, SECI ने फर्जी गारंटी को अस्वीकार कर दिया और Reliance ने एक दिन में ही असली IDBI बैंक की गारंटी जमा की, लेकिन तय समय सीमा के बाद होने के कारण इसे मान्यता नहीं मिली।


फर्जी एंडोर्समेंट का प्रयास

टेंडर को बचाने के लिए Reliance NU BESS Ltd ने SBI की कोलकाता शाखा से फर्जी विदेशी बैंक गारंटी का एंडोर्समेंट कराने का प्रयास किया। इसके लिए नकली एग्रीमेंट बनाए गए और कोलकाता नगर निगम को बोगस पता दिया गया। बावजूद इसके एंडोर्समेंट नहीं मिल सका और Reliance ने पूरा दोष Biswal Tradelink और उसके MD पर डालने के लिए शिकायत दर्ज कराई।


ED ने अपने बयान में कहा कि जांच में Reliance Group की गलत नीयत, मिलीभगत और जालसाजी की पूरी साजिश सामने आई है।


आरोपियों की सूची


  • पार्थ सारथी बिस्वाल


  • मेसर्स बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड


  • मेसर्स बायोएथेन केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड


  • अमर नाथ दत्त


  • रविंदर पाल सिंह चड्ढा


  • मेसर्स रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड


  • मेसर्स रोजा पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड


  • मनोज भाईसाहब पोंगड़े


  • मेसर्स रिलायंस पावर लिमिटेड अशोक कुमार पाल


  • पुनीत नरेंद्र गर्ग



ED की कार्रवाई और आगे की जांच

पूरक शिकायत के साथ ED ने 5.15 करोड़ रुपये की अवैध कमाई भी संलग्न की है। मामले की आगे की कार्रवाई के तहत जांच जारी है और सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।