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SSC की नई इक्विपरसेंटाइल पद्धति: परीक्षा में कठिनाई का असर नहीं होगा

कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। नई इक्विपरसेंटाइल विधि के तहत, परीक्षा की कठिनाई का उम्मीदवारों की रैंकिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले, चाहे उनकी परीक्षा शिफ्ट में प्रश्न कितने भी कठिन क्यों न हों। जानें इस नई विधि के कार्यान्वयन और इसके महत्व के बारे में।
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SSC की नई इक्विपरसेंटाइल पद्धति: परीक्षा में कठिनाई का असर नहीं होगा

SSC नॉर्मलाइजेशन में बदलाव

नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। अब आयोग ने एक नई और उन्नत विधि अपनाई है, जिसे इक्विपरसेंटाइल कहा जाता है।


SSC का कहना है कि यह नई विधि यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी परीक्षा शिफ्ट में प्रश्नों की कठिनाई के कारण कोई भी उम्मीदवार प्रभावित न हो। इसका मतलब है कि यदि किसी शिफ्ट में प्रश्न अधिक कठिन होते हैं, तो इसका प्रभाव आपकी रैंकिंग पर नहीं पड़ेगा।


नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता

जब SSC की परीक्षाएं विभिन्न शिफ्ट्स में आयोजित होती हैं, तो हर शिफ्ट में प्रश्नों का स्तर भिन्न हो सकता है। कुछ शिफ्ट्स में प्रश्न सरल होते हैं, जबकि अन्य में कठिन। सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करने के लिए नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता होती है।


इसका अर्थ है कि विभिन्न शिफ्ट्स में प्राप्त अंकों को एक समान मानक पर लाया जाता है, ताकि सभी की तुलना निष्पक्ष रूप से की जा सके।


पहले का नॉर्मलाइजेशन

पहले नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में सभी शिफ्ट्स के उच्चतम स्कोर, औसत अंक और अंकों के अंतर को ध्यान में रखा जाता था। लेकिन अब SSC ने इस पुरानी विधि को समाप्त कर दिया है।


आयोग ने 2 जून को अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस जारी कर नई इक्विपरसेंटाइल विधि की जानकारी दी है। इस नई प्रणाली में अंकों को औसत या अंतर के आधार पर समायोजित करने के बजाय, हर शिफ्ट में उम्मीदवारों की रैंकिंग या परसेंटाइल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।


नई इक्विपरसेंटाइल विधि का कार्यान्वयन

नई इक्विपरसेंटाइल विधि में उम्मीदवार की अपनी शिफ्ट में रैंकिंग सबसे महत्वपूर्ण होगी। इसे परसेंटाइल स्कोर के माध्यम से समझा जाता है।


सरल शब्दों में, यदि एक शिफ्ट में कोई उम्मीदवार 80% से अधिक अंक प्राप्त करता है, तो उसका मिलान दूसरी शिफ्ट में 80% से अधिक अंक लाने वाले उम्मीदवार से किया जाएगा। इस प्रकार, हर शिफ्ट में उम्मीदवारों की सापेक्ष स्थिति के आधार पर अंकों की तुलना की जाएगी। इससे शिफ्ट की कठिनाई का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, और सभी को समान अवसर मिलेगा।


SSC का यह नया कदम उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह सुनिश्चित करेगा कि कठिन या सरल प्रश्न पत्र के कारण किसी को नुकसान न हो। यदि आप SSC की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस नई विधि को समझना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है।