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Trump और Putin की अलास्का मुलाकात: क्या मिली कोई ठोस प्रगति?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई मुलाकात ने कई सवाल खड़े किए हैं। इस शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच की बातचीत, उनके बॉडी लैंग्वेज और बैठक के परिणामों पर चर्चा की गई है। क्या यह मुलाकात यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने में सफल रही? जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या ट्रंप और पुतिन के बीच कोई नई रणनीति बनी?
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Trump और Putin की अलास्का मुलाकात: क्या मिली कोई ठोस प्रगति?

Trump और Putin की मुलाकात का सर्द माहौल

Trump Putin meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई मुलाकात का माहौल ठंडी हवाओं से भरा रहा। तापमान 9 डिग्री तक गिर गया, लेकिन इस शिखर सम्मेलन से राजनीतिक गर्माहट की उम्मीदें थीं, जो अंततः निराशाजनक साबित हुईं। ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि बातचीत सफल नहीं हुई, तो वे वहां से चले जाएंगे। इसके बावजूद, दोनों नेताओं की प्रारंभिक मुलाकात गर्मजोशी से भरी रही और यह मीडिया की सुर्खियों में छा गई।


धमकी से मुस्कान तक का सफर

शुरुआत में ट्रंप ने पुतिन को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन युद्ध समाप्त करने में कोई प्रगति नहीं हुई, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। लेकिन जब दोनों आमने-सामने आए, तो ट्रंप की सख्ती गायब हो गई। पुतिन का अमेरिकी धरती पर लंबे समय बाद आना किसी नायक के स्वागत जैसा था। रेड कार्पेट पर उनका स्वागत हुआ, ट्रंप ने उनके लिए ताली बजाई और लंबा हाथ मिलाकर मुस्कुराए।


F-22 और B-2 बॉम्बर का शक्ति प्रदर्शन

दोनों नेताओं का मंच पर आगमन किसी नाटकीय दृश्य से कम नहीं था। अमेरिकी F-22 लड़ाकू विमान और B-2 बॉम्बर ने ऊपर उड़ान भरकर शक्ति का प्रदर्शन किया। मंच के पीछे 'शांति की खोज' लिखा हुआ था और दोनों नेता एक-दूसरे की संगति का आनंद लेते नजर आए। पत्रकारों के सवालों को भी दोनों ने अनसुना कर दिया। जब पुतिन से नागरिकों की हत्या रोकने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कान की ओर इशारा करते हुए व्यंग्य में जवाब टाल दिया।


ट्रंप की कार में पुतिन का सफर

इसके बाद घटनाक्रम ने अप्रत्याशित मोड़ लिया। ट्रंप ने पुतिन को इशारा किया और दोनों अमेरिकी राष्ट्रपति की आधिकारिक लिमोज़िन 'द बीस्ट' में बैठ गए। यह स्पष्ट नहीं था कि यह योजना पहले से बनी थी या अचानक लिया गया फैसला। कार की अंधेरी खिड़कियों के पीछे दोनों नेताओं की बातचीत ने और भी रहस्य पैदा कर दिया। पुतिन की मुस्कान और ट्रंप की गंभीरता ने मीडिया को भरपूर सामग्री दी।


बैठक का बेनतीजा रहना

बैठक तीन घंटे चली, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का समझौता दूर की बात रहा। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप का आक्रामक तेवर नदारद था। उनके बयान से पराजय का आभास मिला। वहीं, पुतिन ने अगली बैठक मास्को में करने का प्रस्ताव दिया, जिस पर ट्रंप ने हिचकते हुए सहमति जताई।


ट्रंप की थकान और पुतिन की मुस्कान

बॉडी लैंग्वेज विशेषज्ञ डॉ. जॉन पॉल गैरिसन ने कहा कि शिखर सम्मेलन के अंत तक ट्रंप थके और निराश दिख रहे थे। वहीं, पुतिन मुस्कराते नजर आए, जैसे उन्होंने अपना मकसद पूरा कर लिया हो। इस वार्ता ने एक बार फिर दिखा दिया कि कूटनीतिक मंच पर पुतिन अपनी रणनीति से बढ़त लेने में माहिर हैं।