Uddhav Thackeray का बड़ा ऐलान: एशिया कप में भारत-पाक मैच का विरोध करेंगे शिवसेना (यूबीटी)

भारत-पाकिस्तान एशिया कप 2025: शिवसेना का विरोध
India vs Pakistan Asia Cup 2025: शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी रविवार को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करेगी। ठाकरे ने कहा कि इस मैच का बहिष्कार करना आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ स्थिति को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए ठाकरे ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री का कहना है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो फिर खून और क्रिकेट कैसे एक साथ हो सकते हैं? युद्ध और क्रिकेट का एक साथ होना कैसे संभव है?" उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि "देशभक्ति का व्यापार केवल पैसे के लिए किया जा रहा है। कल का मैच इसलिए हो रहा है क्योंकि इससे उन्हें करोड़ों रुपये मिलेंगे।"
#WATCH | Mumbai: On the upcoming India vs Pakistan match in Asia Cup 2025, Shiv Sena UBT chief Uddhav Thackeray says, "... Our Prime Minister said blood and water cannot flow together, then how can blood and cricket flow together. How can war and cricket be at the same time?...… pic.twitter.com/s7xhUvzrn1
— News Media (@NewsMedia) September 13, 2025
महिलाएं करेंगी प्रदर्शन
महिलाएं करेंगी प्रदर्शन
ठाकरे ने आगे बताया कि रविवार को शिवसेना (यूबीटी) की महिला कार्यकर्ता महाराष्ट्र की सड़कों पर प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा, "हमारी महिलाएं घर-घर से सिंदूर निकालकर प्रधानमंत्री मोदी को भेजेंगी।" ठाकरे ने इस विरोध को असली देशभक्ति का प्रतीक बताया।
केंद्र सरकार पर निशाना
केंद्र सरकार पर निशाना
बीजेपी नीत केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए ठाकरे ने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच का आयोजन देशभक्ति का मजाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग राष्ट्रवाद और देशभक्ति को पैसे के सौदे में बदल चुके हैं।
बाला साहेब का संदेश
बाला साहेब का संदेश
उद्धव ठाकरे ने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद से मुलाकात के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि जब तक पाकिस्तान से भारत पर आतंकी हमले जारी रहेंगे, तब तक क्रिकेट मैच नहीं होगा। ठाकरे ने कहा कि यही शिवसेना की मूल विचारधारा है और यह आज भी लागू है।