Uddhav और Raj Thackeray का ऐतिहासिक मिलन: महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़

ठाकरे परिवार का ऐतिहासिक मिलन
Uddhav Thackeray Raj Thackeray: शनिवार को महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जब उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख हैं, और राज ठाकरे, जो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेता हैं, एक मंच पर एकत्रित हुए। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था, बल्कि मराठी एकता और संस्कृति का एक मजबूत संदेश भी प्रस्तुत किया।
मराठी संस्कृति की रक्षा का संकल्प
इस संयुक्त विजय समारोह का आयोजन 'आवाज मराठिचा' नाम से किया गया, जिसमें दोनों नेताओं ने मराठी भाषा और संस्कृति की सुरक्षा के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र सरकार के उस निर्णय के समर्थन में आयोजित किया गया था, जिसमें हिंदी को तीसरी वैकल्पिक भाषा से हटाने का निर्णय लिया गया था। हजारों मराठी समर्थक इस ऐतिहासिक मिलन के गवाह बने।
VIDEO | Mumbai, Maharashtra: "We have come together to stay together," says Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray (@uddhavthackeray) at joint rally with MNS chief Raj Thackeray.#MaharashtraPolitics #MaharashtraNews
— Press Trust of India (@PTI_News) July 5, 2025
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उद्धव ठाकरे का संदेश
"साथ आए हैं, साथ ही रहेंगे": उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने सभा में कहा, "हम एक साथ आए हैं और हमेशा साथ रहेंगे... हमने मराठी भाषा की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाई है।" उन्होंने आगे कहा, "यह तो बस ट्रेलर है, असली फिल्म अब शुरू हुई है।"
इस मुलाकात को महाराष्ट्र में मराठी भाषियों की एकता का प्रतीक माना जा रहा है। उद्धव का यह बयान राज्य की राजनीति में नई दिशा देने की क्षमता रखता है।
राज ठाकरे का तंज
राज ठाकरे ने फडणवीस पर किया तंज
इस कार्यक्रम में राज ठाकरे ने कहा, "मुख्यमंत्री फडणवीस ने वो कर दिखाया जो बाला साहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए, मुझे और उद्धव को एक कर दिया।"
राज के इस बयान को राजनीतिक हलकों में कई दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। यह मुख्यमंत्री पर तंज के रूप में लिया जा रहा है, जबकि इसे ठाकरे भाइयों के मिलन का एक महत्वपूर्ण कारण भी माना जा रहा है।
एनएससीआई डोम में भारी भीड़
एनएससीआई डोम बना मराठी एकता का गवाह
मुंबई के वर्ली में एनएससीआई डोम में आयोजित इस कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी। दोनों दलों के समर्थकों की उपस्थिति ने इसे अभूतपूर्व बना दिया। यह दृश्य महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में पहली बार देखा गया, जब ठाकरे परिवार के दोनों धड़े एक मंच पर आए।
यह रैली 'मराठी एकता की जीत' के रूप में आयोजित की गई और इसे महाराष्ट्र की बदलती राजनीतिक तस्वीर में संभावित भूचाल की शुरुआत माना जा रहा है।
राजनीति में संभावित बदलाव
आने वाले दिनों में बढ़ेगी हलचल?
ठाकरे भाइयों की यह नजदीकी राज्य की राजनीति में नए समीकरण बना सकती है। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है, वहीं कांग्रेस और एनसीपी जैसे सहयोगी दलों के लिए भी यह एक संदेश है कि उद्धव अब अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह एकजुटता चुनाव तक बनी रहती है, तो यह मराठी वोट बैंक को एकजुट कर सकती है और विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।