UNGA में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ का सामना: आतंकवाद पर सवालों का दबाव

UNGA 80वें सत्र में शहबाज शरीफ का सामना
UNGA 80th session: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को 26 सितंबर 2025 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में शामिल होने से पहले एक चुनौतीपूर्ण सवाल का सामना करना पड़ा। जैसे ही वे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहुंचे, भारतीय मीडिया ने उनसे पूछा, "पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को कब रोकेगा?"
इस सवाल का जवाब देते हुए शरीफ ने कहा, "हम आतंकवाद को समाप्त कर रहे हैं, हम उन्हें हरा रहे हैं।" लेकिन पत्रकार ने तुरंत जवाब दिया, "पाकिस्तानी पीएम, भारत आपको हरा रहा है।" इस पर शरीफ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और सीधे महासभा में चले गए। यह घटना उनके असहज मूड और मीडिया के सवालों से बचने की स्थिति को दर्शाती है।
#WATCH | New York | "We are defeating cross-border terrorism. We are defeating them," says Pakistan PM Shehbaz Sharif when asked by ANI about cross-border terrorism as he enters the UN pic.twitter.com/pnCeYqZdNp
— ANI (@ANI) September 26, 2025
पाकिस्तान का हमेशा इनकार
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद एक लंबे समय से विवाद का मुख्य कारण बना हुआ है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देता है और आतंकवादी संगठनों को शरण देता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान इन आरोपों को हमेशा नकारता आया है। शरीफ का महासभा में सामना किया गया सवाल इस दोनों देशों के बीच जारी तनाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
भारत का कड़ा रुख
भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में उठाया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। मृतकों में भारतीय और नेपाली नागरिक दोनों शामिल थे।
इस हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए हवाई और मिसाइल हमले किए। ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकना था।
भारत ने इस कार्रवाई को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत किया, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने पर जोर दिया गया। यह नीति यह सुनिश्चित करती है कि भारत अपनी सीमा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाए।
भारत-पाकिस्तान तनाव
शरीफ का यह असहज पल न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में मौजूदा तनाव को भी वैश्विक मंच पर उजागर किया। संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस प्रकार के सवाल और पलटवार, दोनों देशों के बीच चल रही कूटनीतिक जटिलताओं को सामने लाते हैं।
भारत की कार्रवाई और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का सामना किए गए सवाल ने यह भी दिखाया कि आतंकवाद और सुरक्षा मुद्दे केवल द्विपक्षीय संबंधों में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।