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WHO का बड़ा खुलासा: भारत में जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत

भारत में जहरीले कफ सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत के मामले में WHO ने गंभीर चूक की जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय दवा कंपनियों ने दवाओं की अनिवार्य परीक्षण में लापरवाही बरती। WHO ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाओं से दूर रखें। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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WHO का बड़ा खुलासा: भारत में जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत

भारत में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का मामला

नई दिल्ली: भारत में जहरीले कफ सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। WHO के अनुसार, इस गंभीर घटना का मुख्य कारण भारतीय दवा कंपनियों द्वारा दवाओं की अनिवार्य परीक्षण में की गई बड़ी चूक है। संगठन ने चेतावनी दी है कि भले ही ये सिरप केवल भारत में बेचे गए, लेकिन इनके अनौपचारिक रूप से विदेशों में पहुंचने का खतरा बना हुआ है।


यह मामला तब प्रकाश में आया जब 'कोल्डरिफ' कफ सिरप में घातक रसायन डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मानक सीमा से लगभग 500 गुना अधिक पाया गया। इसके बाद 'रेस्पिफ्रेश' और 'रिलीफ' नामक दो अन्य सिरप में भी यही जहरीला रसायन मिला। WHO ने बताया कि यह रसायन किडनी फेलियर और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।


WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कानून के अनुसार दवा के हर बैच का परीक्षण अनिवार्य है, लेकिन हाल में हुई फैक्ट्रियों की जांच में गंभीर खामियां पाई गईं। यह घटना भारत की दवा निर्माण की प्रतिष्ठा पर एक बड़ा धब्बा है। भारत अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली 40% जेनेरिक दवाएं और कई अफ्रीकी देशों की 90% दवा जरूरतों को पूरा करता है, जिससे इस घटना ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है।


इस मामले में 'कोल्डरिफ' बनाने वाली श्रेसन फार्मास्युटिकल की फैक्ट्री को बंद कर दिया गया है और पुलिस गैर-इरादतन हत्या की जांच कर रही है। वहीं, 'रिलीफ' और 'रेस्पिफ्रेश' बनाने वाली शेप फार्मा और रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स को भी उत्पादन और बिक्री रोकने का आदेश दिया गया है।


इस जानलेवा लापरवाही के सामने आने के बाद, WHO और भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभिभावकों के लिए एक सख्त सलाह जारी की है। उन्होंने कहा है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए किसी भी प्रकार की खांसी और सर्दी की दवाओं के इस्तेमाल से बचें।