Zakir Naik के प्रत्यर्पण पर मलेशिया का स्पष्ट रुख: भारत-मलेशिया संबंधों में नई ऊँचाई

Zakir Naik के प्रत्यर्पण पर मलेशिया का बयान
Zakir Naik Extradition News : भारत में मलेशिया के उच्चायुक्त दातो मुजफ्फर शाह मुस्तफा ने बताया कि विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण में मलेशियाई सरकार का कोई प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और मलेशिया के बीच एक आधिकारिक प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, लेकिन इसके तहत किसी भी मामले में कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। वर्तमान में जाकिर नाइक का मामला मलेशिया की अदालत में है और इसका निर्णय पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया पर निर्भर करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर अब तक प्रत्यर्पण का कोई ठोस कारण नहीं मिला है।
भारत-मलेशिया संबंधों की मजबूती
ऐतिहासिक साझेदारी की ओर एक और कदम
उच्चायुक्त मुस्तफा ने भारत और मलेशिया के संबंधों को 'दीर्घकालिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध' बताया। उन्होंने कहा कि हाल ही में मलेशियाई प्रधानमंत्री की भारत यात्रा ने द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊँचाई पर पहुंचाया है। यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी की दिशा में ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण पड़ाव रही। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में व्यापार, निवेश, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग और बढ़ेगा।
कुआलालंपुर में आसियान सम्मेलन
कुआलालंपुर में आयोजित होगा सम्मेलन
मलेशिया इस वर्ष आसियान (ASEAN) का अध्यक्ष है और अक्टूबर के अंत में कुआलालंपुर में इस संगठन का दूसरा वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। उच्चायुक्त के अनुसार, इस सम्मेलन में समावेशी विकास, क्षेत्रीय स्थिरता और रणनीतिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।
PM मोदी का सम्मेलन में स्वागत
PM मोदी का मलेशिया में स्वागत करने को तैयार
दातो मुजफ्फर शाह मुस्तफा ने कहा कि मलेशिया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस शिखर सम्मेलन में उपस्थिति को लेकर उत्साहित है। उन्होंने बताया कि भारत को आसियान के सभी संवाद भागीदारों के साथ आमंत्रित किया गया है, और इस अवसर पर भारत की भूमिका को लेकर विशेष अपेक्षाएं हैं। मलेशिया प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति को एक सकारात्मक संकेत मानता है, जो भारत-आसियान सहयोग को और मजबूत करेगा।
सम्मेलन में नेताओं को आमंत्रण
नेताओं को भी भेजा गया आमंत्रण
शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी आमंत्रित किया गया है। यह पारंपरिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत सभी प्रमुख संवाद भागीदार देशों के नेताओं को आमंत्रित किया जाता है। उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि यदि सम्मेलन के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक होती है, तो मलेशिया उसे आयोजित करने में खुशी महसूस करेगा। हालांकि, ऐसी किसी बैठक के बारे में अभी तक उन्हें औपचारिक सूचना नहीं मिली है।
आतंकवाद और गाजा मुद्दे पर चर्चा
आतंकवाद और गाजा मुद्दे पर चर्चा की उम्मीद
सम्मेलन के संभावित एजेंडे पर बोलते हुए, मुस्तफा ने कहा कि आतंकवाद एक प्रमुख वैश्विक चिंता है और इसकी चर्चा निश्चित रूप से शिखर सम्मेलन में होगी। साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उन्हें गाजा मुद्दे पर अमेरिका द्वारा प्रस्तावित किसी 20-सूत्रीय योजना की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने आशा जताई कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति से जुड़े सभी मुद्दों को इस मंच पर गंभीरता से उठाया जाएगा।
भारत-मलेशिया संबंधों की स्थिति
यह रिपोर्ट भारत और मलेशिया के द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, कानूनी प्रक्रियाओं का सम्मान, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को रेखांकित करती है। मलेशियाई उच्चायुक्त के बयान भारत-मलेशिया रिश्तों में पारदर्शिता और परिपक्वता का संकेत देते हैं।