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अंबाला में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली में तकनीकी समस्याएं

अंबाला में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली की शुरुआत के बाद से तकनीकी समस्याओं के कारण रजिस्ट्री की संख्या में भारी कमी आई है। पिछले पांच दिनों में केवल 47 रजिस्ट्री हुई हैं, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या 200 तक पहुंचती थी। पोर्टल की धीमी गति और अन्य तकनीकी खामियों के कारण नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस प्रणाली की चुनौतियों और संभावित समाधानों के बारे में।
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अंबाला में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली में तकनीकी समस्याएं

अंबाला में पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत

अंबाला (पेपरलेस पोर्टल)। तहसीलों में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली की शुरुआत को पांच दिन हो चुके हैं। इस अवधि में जिले में केवल 47 रजिस्ट्री ऑनलाइन हुई हैं। सामान्य दिनों में, एक दिन में लगभग 200 रजिस्ट्री होती थीं, लेकिन अब यह संख्या काफी कम हो गई है। रजिस्ट्री से प्राप्त राजस्व में भी कमी आई है, हालांकि राजस्व विभाग ने अभी तक इस कमी का आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है। इस स्थिति के कारण नागरिकों को रोजाना तहसीलों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।


तकनीकी समस्याएं बनी बाधा

पेपरलेस रजिस्ट्री में तकनीकी खामियां एक प्रमुख समस्या बन गई हैं। सोमवार को जिले की तहसील और उप तहसीलों में केवल आठ पेपरलेस रजिस्ट्री हो सकीं। अंबाला कैंट, नारायणगढ़ और उप तहसील शहजादपुर में कोई रजिस्ट्री नहीं हो पाई, क्योंकि पोर्टल धीमी गति से काम कर रहा था। इन समस्याओं के कारण नागरिकों, कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


पेपरलेस रजिस्ट्री में समस्याएं

ई-रजिस्ट्रेशन पोर्टल कभी-कभी धीमी गति से चलता है या बंद हो जाता है।
संपत्ति आईडी नंबर नहीं उठता।
जमाबंदी के दौरान कास्त भरने में कठिनाई होती है।
दो मालिक एक साथ रजिस्ट्री नहीं कर पा रहे हैं।
जमीन बिक्रेता की एक से अधिक रजिस्ट्री का विकल्प नहीं आ रहा।
रजिस्ट्री क्लर्क के पोर्टल पर दस्तावेज कई बार नहीं दिखते।


पोर्टल की कार्यक्षमता में कमी

सोमवार को छावनी तहसील में आरसी-1 का पोर्टल सुबह से काम नहीं कर रहा था। शुक्रवार को जो दस्तावेज दिखाई दे रहे थे, वे सोमवार को नहीं दिखे, जिससे रजिस्ट्री नहीं हो सकीं। अंबाला सिटी तहसील में तीन पेपरलेस रजिस्ट्री हुईं, जबकि पोर्टल में अपडेट का कार्य जारी रहा। साहा उप तहसील में दोपहर बाद पोर्टल धीमी गति से चल रहा था, जिससे दिनभर में केवल दो रजिस्ट्री हो सकीं। इसी तरह बराड़ा तहसील में भी पोर्टल रुक-रुक कर चलता रहा।


पुराने और नए पोर्टल का समन्वय

सरकार को चाहिए था कि वह पुराने और नए पोर्टल दोनों को एक साथ चलाए, ताकि नए पोर्टल में समस्याएं आने पर पुराने पोर्टल से काम चलाया जा सके। लेकिन सरकार ने पुराने पोर्टल को बंद कर दिया है और नया पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है, जिससे सभी को परेशानी हो रही है।


पंजाब और हिमाचल का मॉडल

पंजाब और हिमाचल में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पोर्टल हैं, जिससे ग्राहक किसी भी पोर्टल पर रजिस्ट्री करवा सकते हैं। ऐसा ही यहां भी होना चाहिए।


स्टांप की बर्बादी का खतरा

सरकार लोगों से ऑनलाइन पेपरलेस रजिस्ट्री करवाने की अपील कर रही है, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। इसके अलावा, लाखों रुपये के स्टांप में यदि छोटी सी गलती हो गई, तो वे बेकार हो जाएंगे।


पेपरलेस रजिस्ट्री का प्रभाव

सोमवार को केवल 8 रजिस्ट्रियां, अंबाला सिटी में सबसे अधिक

डिजिटल पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू होने के बाद सोमवार को जिले में केवल 8 रजिस्ट्रियां दर्ज की गईं, जबकि पहले यह संख्या 47 तक पहुंची थी। तकनीकी समस्याओं के कारण व्यवस्था ठप रही, जिससे नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अंबाला छावनी में सोमवार को कोई रजिस्ट्री नहीं हुई, जबकि पहले चरण में 2 रजिस्ट्री हुई थीं। अंबाला सिटी में 3 रजिस्ट्री हुईं, जबकि पहले 10 रजिस्ट्री हुई थीं। बराड़ा में 3-6-15, नारायणगढ़ में 0-16-20, साहा में 2-5-60 और शहजादपुर में 0-8-10 का आंकड़ा रहा।