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अकाली दल ने उमर अब्दुल्ला के जल अधिकारों के दावे पर जताई हैरानी

शिरोमणि अकाली दल ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर हैरानी जताई है, जिसमें उन्होंने सिंधु जल प्रणाली पर अपने राज्य का अधिकार बताया। पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इंदिरा गांधी सरकार के जल वितरण के फैसले को पंजाब के साथ अन्याय बताया। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह इस अन्याय को सुधारने का अवसर न गंवाए। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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अकाली दल ने उमर अब्दुल्ला के जल अधिकारों के दावे पर जताई हैरानी

उमर अब्दुल्ला के बयान पर अकाली दल की प्रतिक्रिया

चंडीगढ़- शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर आश्चर्य व्यक्त किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिंधु जल प्रणाली पर उनके राज्य का पूर्ण अधिकार है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा पंजाब के साथ किए गए ऐतिहासिक अन्याय को दूर करे।


पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि इंदिरा गांधी सरकार ने नदी के पानी का एक बड़ा हिस्सा गैर-तटीय राज्य राजस्थान को देकर पंजाब के साथ अन्याय किया। उन्होंने बताया कि हर बार सबसे अधिक नुकसान पंजाब को ही उठाना पड़ता है, क्योंकि इससे उसकी नदियों का पानी छीन लिया जाता है।


डॉ. चीमा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला की मांग एक बार फिर पंजाब के साथ अन्याय करने की कोशिश है। उन्होंने बताया कि पंजाब ने देश के अन्न भंडार को भरने के लिए अपनी भूमि का पानी खो दिया है, जो अब खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नदियों में पानी की मात्रा काफी कम हो गई है और पंजाब के किसान देश की अनाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारी कर्ज में डूबे हुए हैं।
सिंधु जल संधि को स्थगित करने की केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए डॉ. चीमा ने कहा कि यह फैसला केंद्र को इंदिरा गांधी द्वारा पंजाब के साथ किए गए अन्याय को सुधारने का ऐतिहासिक अवसर प्रदान करता है, इसलिए इसकी भरपाई सिंधु जल परियोजना से अतिरिक्त पानी देकर की जानी चाहिए।


वरिष्ठ अकाली नेता ने उमर अब्दुल्ला से आग्रह किया कि वे इस तरह के खतरनाक बयान देने से पहले पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखें। उन्होंने आशा जताई कि केंद्र सरकार उमर अब्दुल्ला की मांग पर ध्यान नहीं देगी और पंजाब के साथ न्याय सुनिश्चित करेगी।