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अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में यूपी सरकार की याचिका खारिज

अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि केस वापसी के लिए कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है और अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2026 को होगी। इस मामले में रोजाना सुनवाई का भी निर्देश दिया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और गवाहों की सुरक्षा के बारे में अदालत के निर्देश।
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अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में यूपी सरकार की याचिका खारिज

अखलाक मॉब लिंचिंग केस में अदालत का फैसला

नई दिल्ली। लगभग एक दशक पहले देश को झकझोरने वाले अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा समाप्त करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, अदालत ने यूपी सरकार की याचिका को अस्वीकार कर दिया है। यह याचिका नोएडा के सूरजपुर कोर्ट में दायर की गई थी।


अदालत ने स्पष्ट किया कि केस वापस लेने के लिए प्रस्तुत की गई अर्जी में कोई ठोस कानूनी आधार नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी। अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2026 को निर्धारित की गई है। अदालत ने मामले की रोजाना सुनवाई का भी निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि 2015 में गोमांस के संदेह में अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि मुकदमा वापस लेने से सामाजिक सौहार्द में सुधार होगा।


हालांकि, अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए अभियोजन पक्ष को गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए आगे बढ़ने का निर्देश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ग्रेटर नोएडा को यह निर्देश दिया है कि यदि गवाहों को सुरक्षा की आवश्यकता है, तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।