अखिलेश यादव और भाजपा के बीच मस्जिद विवाद गहराया

मस्जिद में सपा प्रमुख की उपस्थिति पर विवाद
Akhilesh Yadav VS BJP: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का दिल्ली में एक मस्जिद में जाना अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है। हाल ही में, वह कुछ सपा सांसदों के साथ संसद भवन के निकट एक मस्जिद में देखे गए। इस घटना के बाद भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने आरोप लगाया कि वहां सपा की एक राजनीतिक बैठक आयोजित की गई थी, जिसे सपा का 'कार्यालय' बना दिया गया है। इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा लोगों को एकजुट करने के बजाय बांटने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आस्था जोड़ती है, जबकि भाजपा धर्म का उपयोग विभाजन के लिए करती है।
भाजपा का विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
भाजपा ने 25 जुलाई को प्रदर्शन की चेतावनी दी
इस मुद्दे पर भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाया है। पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने 25 जुलाई को जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने मस्जिद के माहौल को राजनीतिक गतिविधियों से प्रदूषित किया है। मस्जिद आस्था का स्थान है, न कि राजनीतिक गतिविधियों का। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भी सवाल उठाया कि कोई हिंदू मस्जिद में क्यों जाएगा?
अखिलेश ने भाजपा की साजिश का आरोप लगाया
अखिलेश ने इसे भाजपा की साजिश बताया
तस्वीरों में अखिलेश यादव के साथ रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी दिखाई दे रहे हैं, जो इस मस्जिद के इमाम हैं। तस्वीर में सांसद धर्मेंद्र यादव भी मौजूद हैं। भाजपा ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि ये तस्वीरें राजनीतिक सभाओं की हैं। जमाल सिद्दीकी ने कहा कि अखिलेश ने धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग किया है। 25 जुलाई को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। अखिलेश यादव इसे भाजपा की साजिश मानते हैं, जबकि सत्ताधारी दल इसे गंभीर मुद्दा मानता है।