Newzfatafatlogo

अखिलेश यादव का चुनाव आयोग पर तीखा हमला, शपथपत्रों की वैधता पर उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें आयोग ने कहा था कि उसे सपा द्वारा जमा किए गए शपथपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। सपा ने आयोग को चुनौती दी है कि वह अपने कार्यालय द्वारा दी गई पावती की जांच करे। इसके साथ ही, उन्होंने डिजिटल रसीद की वैधता पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी है कि यदि आयोग ने पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो 'डिजिटल इंडिया' पहल भी संदेह के घेरे में आ जाएगी। इस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में और गर्मी बढ़ा दी है।
 | 
अखिलेश यादव का चुनाव आयोग पर तीखा हमला, शपथपत्रों की वैधता पर उठाए सवाल

सपा का चुनाव आयोग को चुनौती

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें आयोग ने कहा था कि उसे सपा द्वारा जमा किए गए शपथपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। सपा ने आयोग को यह चुनौती दी है कि वह अपने कार्यालय द्वारा दी गई पावती की जांच करे, जो उनके शपथपत्रों की प्राप्ति का प्रमाण है। इसके साथ ही, सपा ने निर्वाचन आयोग से यह भी अनुरोध किया है कि वह शपथपत्र देकर पुष्टि करे कि आयोग द्वारा भेजी गई डिजिटल रसीद सही है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो न केवल निर्वाचन आयोग, बल्कि 'डिजिटल इंडिया' पहल भी संदेह के घेरे में आ जाएगी।


अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट में लिखा, "जो चुनाव आयोग यह कह रहा है कि हमें यूपी में समाजवादी पार्टी द्वारा दिए गए ऐफिडेविट नहीं मिले हैं, वह हमारे शपथपत्रों की प्राप्ति के प्रमाण स्वरूप दी गई अपने कार्यालय की पावती को देख ले।" सपा ने आगे कहा, "इस बार हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग शपथपत्र दे कि यह जो डिजिटल रसीद हमें भेजी गई है, वह सही है, नहीं तो 'चुनाव आयोग' के साथ-साथ 'डिजिटल इंडिया' भी शक के घेरे में आ जाएगा।" सपा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भी निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा जाए तो सत्यता आए!" यह बयान सपा की ओर से आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर उठाए गए सवालों को और गहरा करता है.




डिजिटल रसीद पर उठे सवाल


सपा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके द्वारा जमा किए गए शपथपत्रों की पावती आयोग के कार्यालय से प्राप्त हुई थी। पार्टी ने यह भी पूछा कि यदि आयोग को शपथपत्र नहीं मिले, तो डिजिटल रसीद की वैधता पर सवाल क्यों नहीं उठाया जा रहा? सपा ने इस मुद्दे को 'डिजिटल इंडिया' पहल से जोड़ते हुए कहा कि यदि डिजिटल रसीदों की विश्वसनीयता पर संदेह उठता है, तो यह केंद्र सरकार की डिजिटल पहल की साख को भी प्रभावित करेगा.


सपा ने चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग


सपा ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरते और शपथपत्रों की प्राप्ति से संबंधित सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक करे। पार्टी ने यह भी कहा कि आयोग को अपनी प्रक्रियाओं की निष्पक्षता को साबित करने के लिए स्वयं शपथपत्र दाखिल करना चाहिए। सपा का यह कदम उत्तर प्रदेश में चल रहे राजनीतिक विवादों को और तीखा कर सकता है, खासकर जब विपक्षी दल पहले ही आयोग पर पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं.