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अखिलेश यादव की मस्जिद यात्रा पर विवाद: बीजेपी और सपा के बीच तीखी नोकझोंक

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की हालिया मस्जिद यात्रा ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। बीजेपी ने इस यात्रा को लेकर उन पर हमले किए हैं, जबकि सपा ने पलटवार किया है। रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए बीजेपी पर ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है। इस विवाद में धार्मिक स्थलों के दुरुपयोग के आरोप भी शामिल हैं। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और इसके पीछे की राजनीति क्या है।
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अखिलेश यादव की मस्जिद यात्रा पर विवाद: बीजेपी और सपा के बीच तीखी नोकझोंक

अखिलेश यादव की मस्जिद यात्रा का हंगामा


अखिलेश यादव मस्जिद विवाद: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने हाल ही में दिल्ली में एक मस्जिद में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक की तस्वीरें सामने आने के बाद से विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने इस मस्जिद यात्रा को लेकर अखिलेश पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं।


सपा ने भी बीजेपी के हमलों का जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस मस्जिद के इमाम और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है।


बीजेपी का ध्यान भटकाने का आरोप

मोहिबुल्लाह नदवी का बयान


मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, "यह घटना परसों दोपहर 3 बजे हुई। हमें खेद है कि बीजेपी ने देश की गंभीर समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए इस छोटे से मुद्दे को उठाया है।" उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम में कई लोगों की जान गई, जिस पर चर्चा होनी चाहिए थी।


उन्होंने आगे कहा कि बिहार में विपक्ष की नाराजगी और चुनाव आयोग के दुरुपयोग पर भी बात होनी चाहिए थी। पड़ोसी देश के साथ विवाद और युद्धविराम की स्थिति जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी ने इस मस्जिद यात्रा को मुद्दा बना दिया।


नदवी ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद अखिलेश यादव से मस्जिद जाने का अनुरोध किया था, जिसके चलते वहां कई सांसद मौजूद थे।


अखिलेश का बीजेपी पर पलटवार

अखिलेश ने इसे भाजपा की साजिश बताया


तस्वीरों में अखिलेश यादव के साथ रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी ने इस पर कड़ा विरोध जताया है, जबकि अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि अखिलेश ने धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग किया है।


25 जुलाई को इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। अखिलेश यादव इसे बीजेपी की साजिश मानते हैं, जबकि सत्ताधारी दल इसे गंभीर मामला मान रहा है।