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अखिलेश यादव ने भाजपा पर किया पलटवार, मस्जिद की तस्वीर पर उठे सवाल

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा द्वारा उनकी मस्जिद में बैठक की तस्वीर पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे समाज को बांटने का प्रयास कर रही हैं। साथ ही, उन्होंने पसमांदा समुदाय के कल्याण के लिए भाजपा की नीतियों की आलोचना की। इस विवाद में उन्होंने भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के विरोध प्रदर्शन पर भी हैरानी जताई। जानें पूरी कहानी में क्या कहा अखिलेश यादव ने।
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अखिलेश यादव ने भाजपा पर किया पलटवार, मस्जिद की तस्वीर पर उठे सवाल

भाजपा का हमला और अखिलेश का जवाब

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की एक तस्वीर को लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा है, जिसमें वे दिल्ली की एक मस्जिद में पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। भाजपा ने इस तस्वीर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब मस्जिद सपा का कार्यालय बन गया है। इस पर अखिलेश यादव ने बुधवार को भाजपा को जवाब दिया।


पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह उनकी आस्था का प्रतीक है। सभी को आस्था का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यह समाज को एकजुट करने का कार्य करती है। लेकिन, भाजपा हमेशा लोगों को बांटने की कोशिश करती है। भाजपा का असली हथियार धर्म है, जिसके सहारे वे समाज में विभाजन का प्रयास करते हैं। जबकि, हम एकता की दिशा में काम करते हैं।


जब उनसे पूछा गया कि भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा उनकी तस्वीर को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है, तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ‘क्या उनके पास ऐसा संगठन भी है’? पहले तो हमें लगा था कि ये लोग अंडरग्राउंड हैं, लेकिन अब हमें इस संगठन के बारे में जानकारी मिली है।


अखिलेश यादव ने पसमांदा समुदाय का उल्लेख करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने शासन में इस समुदाय के कल्याण के लिए कई कदम उठाए थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद उनके सभी कार्यों को रोक दिया। सपा ने पसमांदा समुदाय को मुफ्त बिजली देने की व्यवस्था की थी, जिसे भाजपा ने समाप्त कर दिया। अब मैं भाजपा से अनुरोध करता हूं कि वे पसमांदा समुदाय के लिए फिर से मुफ्त बिजली की सुविधा बहाल करें।


उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री की स्थिति ऐसी हो गई है कि वे जहां भी जाते हैं, वहां बिजली चली जाती है।


बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। आयोग का मुख्य कार्य निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है, लेकिन अब यह अपने कार्यों से भटक गया है और लोगों के वोट काटने की कोशिश कर रहा है।


जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बारे में उन्होंने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से त्यागपत्र दिया है, लेकिन भाजपा अभी तक उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने नहीं पहुंची है।