अखिलेश यादव ने भाजपा पर लगाया नफरत फैलाने का आरोप, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी का आरोप
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर समाज में नफरत फैलाने और विघटन पैदा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों और प्रशासन के बीच सांठ-गांठ है। यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है। भाजपा सरकार में जातीय उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाएं बढ़ गई हैं, और यह पार्टी जातिवाद को बढ़ावा देती है।
मुख्यमंत्री पर आरोप
अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने गोमती नदी की स्थिति के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा सरकार ने नदियों की सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। समाजवादी सरकार के दौरान गोमती नदी पर सुंदर रिवर फ्रंट बनाया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध और दलितों का उत्पीड़न बढ़ रहा है।
कानून व्यवस्था पर सवाल
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार फर्जी एनकाउंटर कर रही है, लेकिन इससे कानून व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार अच्छे अधिकारियों की तैनाती से होता है, न कि एनकाउंटर से। वर्तमान सरकार में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, और बलात्कार, हत्या, और लूट की घटनाएं बढ़ रही हैं। समाजवादी सरकार ने 1090 वीमेन पावर लाइन सेवा शुरू की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सराहा था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे खत्म कर दिया।
भविष्य की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के रहते किसी को न्याय नहीं मिल सकता और उत्तर प्रदेश के भविष्य के लिए इस सरकार को हटाना जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों को इलाज नहीं मिल रहा है और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। समाजवादी पार्टी की सरकार में सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था थी, और दिव्यांगों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर प्रदान की जाएगी।
पार्टी के नेता मौजूद
इस कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा, राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, सांसद छोटेलाल खरवार, विधायक राम मूर्ति वर्मा, प्रदीप यादव, अताउर रहमान, अमिताभ बाजपेई, आनंद यादव सहित कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।