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अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बाढ़ संकट के लिए उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बाढ़ संकट के दौरान राहत कार्यों में असफलता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, और सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने स्मार्ट सिटी के बजट पर भी सवाल उठाए और सरकार से जवाब की मांग की। क्या भाजपा सरकार बाढ़ संकट के बीच जनता की मदद कर पाएगी? जानें पूरी कहानी में।
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अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बाढ़ संकट के लिए उठाए सवाल

भाजपा सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को भ्रष्ट और असफल करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ के संकट में है, लेकिन सरकार लोगों की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था में असफल रही है। जब भाजपा सरकार बड़े नेताओं की रैलियों का आयोजन कर सकती है, तो बाढ़ राहत कार्यों में क्यों नहीं जुटी है?


बाढ़ की स्थिति पर गंभीर चिंता

अखिलेश यादव ने बताया कि प्रयागराज सहित लगभग दो दर्जन जिलों में बाढ़ के कारण स्थिति भयावह हो गई है। वाराणसी और प्रयागराज में गली-मोहल्लों में नाव चलाने की स्थिति बन गई है। भोजन और पीने के पानी की कमी गंभीर हो गई है, और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में घरों में पानी भर गया है। बीमार बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल रही हैं। स्कूलों के मर्जर के कारण बच्चे पढ़ाई के लिए परेशान हैं।


लोगों की मजबूरी और सरकारी राहत की कमी

लोग अपने घरों की छतों पर रहने को मजबूर हैं, जबकि बाढ़ से घरों के धंसने का खतरा भी बढ़ गया है। घर का सामान डूब गया है, और लोग अपने मोबाइल चार्ज नहीं कर पा रहे हैं, जिससे आपस में संवाद करना भी मुश्किल हो रहा है। वर्तमान में सरकारी राहत केवल दिखावे तक सीमित है, और मंत्री केवल खानापूर्ति कर रहे हैं।


स्मार्ट सिटी बजट पर उठाए सवाल

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर भारी बजट खर्च किया है। प्रयागराज और वाराणसी में स्मार्ट सिटी के लिए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जगह-जगह गड्ढे और जलभराव की समस्या बनी हुई है।


सरकार से जवाब की मांग

अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से मांग की है कि बाढ़ से संबंधित सवालों का जवाब दिया जाए। जनता कब तक डर और आशंका के माहौल में जीने को मजबूर रहेगी? विकास और स्मार्ट सिटी के दावों के बीच विनाश की तस्वीरें चिंताजनक हैं। भाजपा सरकार के जाने के बाद ही शहरों के बुनियादी ढांचे और आम जनता की स्थिति में सुधार संभव है।