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अखिलेश यादव ने मनरेगा नाम परिवर्तन पर जताई नाराजगी

संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव पर हंगामा मच गया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश किए गए इस बिल पर विपक्ष ने तीव्र विरोध किया। अखिलेश यादव ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह गरीब विरोधी कदम है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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अखिलेश यादव ने मनरेगा नाम परिवर्तन पर जताई नाराजगी

संसद में हंगामा: मनरेगा का नाम बदलने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम-जी बिल पेश किया। इस दौरान उन्होंने मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा। इस कदम पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तीव्र विरोध किया, जिसके चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने भी अपनी असहमति व्यक्त की है।



अखिलेश यादव ने कहा कि ‘जिनके अंदर आत्मा नहीं है वो न तो महात्मा में विश्वास करते हैं, न परमात्मा में। जिन पूजनीय महात्मा गांधी जी ने सत्य की लड़ाई जीवन भर लड़ी, उन्हें वो नकारात्मक लोग कैसे मान सकते हैं, जिनकी हर बात झूठी है। ये ‘सत्य के प्रयोग’ बनाम ‘असत्य का दुरुपयोग’ करनेवालों के बीच का संघर्ष है। जिन्होंने ‘राम-नाम’ को शक्ति माना उनका नाम मिटाकर, राम राज्य लाने का झूठ बोलनेवाले अब निरंतर पतन की ओर हैं।


अखिलेश यादव ने आगे कहा कि ‘मनरेगा में राज्यों पर खर्चे का भार बढ़ाकर दरअसल गरीब विरोधी भाजपाई लोग इस ग्रामीण आजीविका की योजना को अंदर-ही-अंदर खत्म करना चाहते हैं। भाजपाई तो पहले ही कह चुके हैं वो इसे स्मारक मानते हैं। इस बात से खिन्न देशवासी कह रहे हैं कि कहीं ‘कोई’ महात्मा शब्द अपने लिए बचाकर तो नहीं रखना चाहता है।