अखिलेश यादव ने वंदे मातरम पर संसद में उठाई आवाज़, स्वतंत्रता संग्राम की भावना को किया याद
संसद में वंदे मातरम का जश्न
नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा के दौरान, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने लोकसभा में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का नारा लोगों को एकजुट करता है और हमें प्रेरित करता है। यह गीत अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन यह हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहा। उन्होंने सत्तारूढ़ पक्ष पर आरोप लगाया कि वे हर चीज को अपनाना चाहते हैं।
अखिलेश यादव ने इंडिगो संकट पर भी टिप्पणी की, यह पूछते हुए कि क्या इंडिगो के विमान उड़ान नहीं भर रहे हैं। उन्होंने सत्तापक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, बल्कि इसकी भावना को समझना आवश्यक है। जो लोग स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं थे, वे इस गीत की असली ऊर्जा को नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा कि आज़ादी के समय, वंदे मातरम हर आंदोलन का मुख्य हथियार था।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 8, 2025
ब्रिटिश शासन का दमन
अखिलेश यादव ने ब्रिटिश शासन के दमन का उल्लेख करते हुए कहा कि 1905 से 1908 तक वंदे मातरम पर प्रतिबंध लगाया गया था। जहां भी यह नारा सुनाई देता था, वहां देशद्रोह का कानून लागू किया जाता था। बंगाल में स्कूली बच्चों को भी इस गीत के लिए जेल भेजा गया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि वंदे मातरम को रोकने के बावजूद अंग्रेज लोगों की एकता को तोड़ नहीं सके।
सत्ता पक्ष की नीतियों पर सवाल
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष हर महान चीज को अपनाने की कोशिश कर रहा है, जिसमें वंदे मातरम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भाजपा के गठन के समय पार्टी के मंचों पर सेक्युलर विचारधारा और समाजवादी नेताओं की तस्वीरें लगाई जाती थीं, ताकि लोगों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वे जेपी के रास्ते पर चलेंगे।
वंदे मातरम का असली महत्व
अखिलेश ने कहा कि वंदे मातरम उन क्रांतिकारियों का गीत है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। जो लोग स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं थे, वे इसकी भावना को कैसे समझ सकते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग आज भी समाज को बांटने की राजनीति कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम किसी एक दल का गीत नहीं है। यह देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में स्कूलों के बंद होने और केस दर्ज करने पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 26,000 से अधिक प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। आज जब बच्चे वंदे मातरम गाने पर केस दर्ज किए जा रहे हैं, यह स्वतंत्रता की भावना के विपरीत है।
अखिलेश ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा कि हमें वंदे मातरम की उस भावना को अपनाना चाहिए जिसने हमें अंग्रेजों से लड़ने की ताकत दी। जाति और धर्म से ऊपर उठकर, संविधान के मार्ग पर चलकर ही हम देश को मजबूत बना सकते हैं।
