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अखिलेश यादव ने सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों पर भाजपा सरकार को घेरा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोने और चांदी की कीमतों में हो रही अभूतपूर्व वृद्धि को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं के बीच बहुमूल्य धातुओं की जमाखोरी के कारण गरीबों के लिए चांदी भी अब पहुंच से बाहर हो गई है। यादव ने यह भी कहा कि सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण आम जनता की मांग नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार है। जानें इस मुद्दे पर उनकी पूरी प्रतिक्रिया।
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अखिलेश यादव ने सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों पर भाजपा सरकार को घेरा

सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोने और चांदी की कीमतों में हो रही अभूतपूर्व वृद्धि पर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि, सोने की बात तो छोड़िए, भाजपा के नेताओं के बीच बहुमूल्य धातुओं की जमाखोरी के कारण अब चांदी भी गरीबों की पहुंच से बाहर हो गई है। क्या भाजपा सरकार में सोने के जमाखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए ड्रोन, दूरबीन या बुलडोज़र नहीं है?


अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सोने के दाम रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1 लाख 20 हजार प्रति तोला तक पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण आम जनता की मांग नहीं, बल्कि भ्रष्ट भाजपा नेताओं की काली कमाई को ठोस संपत्ति में बदलने की प्रक्रिया है।


उन्होंने आगे कहा कि अब गरीब व्यक्ति अपने रिश्तेदारों को शादी-ब्याह में सोने की एक अंगूठी भी नहीं दे सकता। भाजपा के नेताओं के बीच जमाखोरी के कारण चांदी भी अब गरीबों की पहुंच से बाहर हो गई है। अब भाजपा का प्रचार तंत्र यह कहेगा कि सोने की कीमतें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में तय होती हैं।


यदि यह सच है, तो सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कीमतों में वृद्धि के पीछे कौन से आर्थिक सिद्धांत काम कर रहे हैं। क्या भाजपा सरकार में सोने के जमाखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए कोई साधन नहीं है? क्या यह संभव है कि जो लोग लोहे के डबल इंजन को समझ रहे हैं, वह भी अंदर से सोने का हो चुका है?