अगस्त में बिजली की मांग में रिकॉर्ड वृद्धि, IEX पर कारोबार में उछाल
अगस्त में देशभर में उमस भरी गर्मी के चलते बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) पर कारोबार में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इस लेख में जानें कि कैसे बढ़ती गर्मी और सस्ती बिजली की दरों ने इस वृद्धि को प्रभावित किया। साथ ही, डे-अहेड और रियल-टाइम मार्केट में हुई बढ़ोतरी के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
Sep 5, 2025, 11:27 IST
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बिजली की मांग में वृद्धि का कारण
अगस्त के महीने में देशभर में उमस भरी गर्मी के चलते बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिसका प्रभाव इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के कारोबार पर स्पष्ट रूप से देखा गया। इस पावर एक्सचेंज पर बिजली की ट्रेडिंग पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 19% बढ़कर 11,803 मिलियन यूनिट (MU) के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई। यह वृद्धि दर्शाती है कि जब राज्यों और बड़ी कंपनियों को अचानक या अल्पकालिक बिजली की आवश्यकता होती है, तो वे IEX जैसे ओपन मार्केट का सहारा लेते हैं।इस वृद्धि के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- बढ़ती गर्मी और उमस: मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त का महीना पिछले कई वर्षों में सबसे गर्म और कम बारिश वाला रहा, जिसके कारण एयर कंडीशनर और कूलिंग सिस्टम का उपयोग बढ़ा, जिससे बिजली की खपत में वृद्धि हुई।
- सस्ती बिजली: IEX पर बिजली की औसत कीमत पिछले वर्ष की तुलना में 17% घटकर ₹6.89 प्रति यूनिट रह गई। इस सस्ती दर के कारण, राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों ने पॉवर प्लांट्स से सीधे बिजली खरीदने के बजाय एक्सचेंज से खरीदना अधिक पसंद किया।
कौन से सेगमेंट में हुई सबसे अधिक वृद्धि?
- डे-अहेड मार्केट (DAM): इस सेगमेंट में अगले दिन की बिजली के लिए बोली लगाई जाती है। अगस्त में यहाँ 4,374 MU का कारोबार हुआ, जो पिछले वर्ष से 38% अधिक है।
- रियल-टाइम इलेक्ट्रिसिटी मार्केट (RTM): जब बिजली की तत्काल आवश्यकता होती है, तो इस मार्केट से खरीदारी की जाती है। यहाँ भी कारोबार 23% बढ़कर 2,932 MU हो गया।
- ग्रीन एनर्जी की धूम: पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा (सौर और पवन ऊर्जा) की ट्रेडिंग में भी जबरदस्त उछाल देखा गया। ग्रीन डे-अहेड मार्केट (GDAM) में पिछले वर्ष की तुलना में 102% की भारी वृद्धि हुई।
संक्षेप में, मौसम की मार और बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों के कारण जब बिजली की मांग चरम पर पहुँच गई, तो IEX ने राज्यों और कंपनियों को उचित मूल्य पर बिजली उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह देश के ऊर्जा बाजार की मजबूती को भी दर्शाता है।