अनिल अंबानी के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी: मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

ईडी की कार्रवाई का विवरण
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को उद्योगपति अनिल अंबानी के विभिन्न ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक मामले में छापेमारी की। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है, जिसमें समूह से जुड़े प्रमुख अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए।
ईडी की यह कार्रवाई लगभग 3,000 करोड़ रुपये की संदिग्ध मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी है, जो 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए ऋण के रूप में प्राप्त हुई थी। यह जांच सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों की वित्तीय गतिविधियों की जांच की जा रही है।
धन के गलत उपयोग का संदेह
धन को गलत तरीके से कहीं और भेजा गया
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह एक सोची-समझी योजना थी, जिसके तहत बैंकों, शेयर धारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को धोखा देकर सार्वजनिक धन को गलत तरीके से स्थानांतरित किया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि यस बैंक के प्रमोटर और बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का मामला भी संदेह के घेरे में है।
प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लगभग 3000 करोड़ रुपये के ऋण का अवैध रूप से गलत इस्तेमाल किया गया। ईडी को यह जानकारी भी मिली है कि ऋण मंजूरी से पहले यस बैंक के प्रमोटरों की कंपनियों को धनराशि दी गई थी। रिश्वत और ऋण के इस संबंध की जांच जारी है।
महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा
ईडी को मिली कई महत्वपूर्ण जानकारी
अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी को इस मामले में राष्ट्रीय आवास बैंक, सेबी, राष्ट्रीय वित्तीय लेखा प्राधिकरण और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी कई एजेंसियों से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़े लगभग 35 ठिकानों पर छापेमारी की गई है।