अनिल अंबानी के लोन धोखाधड़ी मामले में ईडी की नई कार्रवाई

ईडी की जांच में नया मोड़
मुंबई - प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जानकारी के अनुसार, ईडी ने 12-13 बैंकों को पत्र भेजकर अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को दिए गए लोन की जांच से संबंधित जानकारी मांगी है।
इसमें एसबीआई, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से संपर्क किया गया है। ईडी ने लोन चूक की प्रक्रिया, चूक की समय-सीमा और वसूली की कार्रवाई की जानकारी मांगी है। अधिकारियों का कहना है कि यदि उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिलते हैं, तो बैंकरों को तलब किया जा सकता है और उनसे पूछताछ की जाएगी। अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को दिए गए अधिकांश लोन एनपीए में बदल चुके हैं। कुल लोन धोखाधड़ी की राशि 17,000 करोड़ रुपये है। रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस पर कुल 12,534 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि शेष 4,000 करोड़ रुपये रिलायंस कम्युनिकेशंस पर बकाया है।
ईडी ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है, जो कि रिलायंस समूह के खिलाफ दर्ज करोड़ों रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले से संबंधित है। सूत्रों के अनुसार, संघीय जांच एजेंसी ने उन्हें विदेश यात्रा से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया है। चूंकि मामला दिल्ली में दर्ज है, इसलिए अंबानी (66) को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए बुलाया गया है। जानकारी के अनुसार, एजेंसी उनके पेश होने पर धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। उनके समूह की कंपनियों के कुछ अधिकारियों को भी अगले कुछ दिनों में पेश होने के लिए कहा गया है।