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अनिल विज के कथावाचक विवाद पर देवकीनंदन ठाकुर का तीखा जवाब

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के कथावाचक और संत के बीच अंतर पर दिए गए बयान ने विवाद को जन्म दिया है। देवकीनंदन ठाकुर ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कुर्सी पर बैठे लोगों पर संस्कृति के नाश का आरोप लगाया। यह विवाद अब धार्मिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की धार्मिक-राजनीतिक हलचलें।
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अनिल विज के कथावाचक विवाद पर देवकीनंदन ठाकुर का तीखा जवाब

अनिल विज के बयान से शुरू हुआ विवाद

अनिल विज कथावाचक विवाद: देवकीनंदन ठाकुर का तीखा जवाब, कहा- कुर्सी पर बैठे लोगों ने संस्कृति को नष्ट किया: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के एक बयान ने विवाद को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि कथावाचक और संत के बीच बड़ा अंतर होता है। उनके अनुसार, कोई भी व्यक्ति चार किताबें पढ़कर कथावाचक बन सकता है, लेकिन संत बनने के लिए आध्यात्मिक और नैतिक ऊंचाई की आवश्यकता होती है।


देवकीनंदन ठाकुर का तीखा पलटवार

इस बयान पर प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बिना नाम लिए अनिल विज पर हमला किया। उन्होंने एक कथा के दौरान कहा कि कुर्सी पर बैठे लोगों ने ही संस्कृति का नाश किया है। यदि वे ईमानदारी से कार्य करते, तो उनकी बातों को महत्व मिलता।


धार्मिक और राजनीतिक हलकों में हलचल

यह विवाद अब केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा। यह मुद्दा धार्मिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। कई संतों और कथावाचकों ने इस बयान को अपमानजनक बताया है। हरियाणा की राजनीति में यह बयान एक नई बहस को जन्म दे रहा है। जहां एक ओर मंत्री अपने बयान पर कायम हैं, वहीं दूसरी ओर संत समाज इसे संस्कृति पर हमला मान रहा है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है।