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अनिल विज के विवाद: हरियाणा बीजेपी में उथल-पुथल

अनिल विज, हरियाणा की बीजेपी के प्रमुख नेताओं में से एक, हाल के विवादों के कारण चर्चा में हैं। उनके बयानों ने पार्टी में हलचल मचा दी है, खासकर जब उन्होंने अपने 'मंत्री' टैग को हटाया। विज का सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ तनावपूर्ण रिश्ता रहा है। इस लेख में हम उनके राजनीतिक सफर, विवादों और बीजेपी में उनके महत्व का विश्लेषण करेंगे। क्या ये विवाद बढ़ेंगे या सुलझेंगे? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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अनिल विज के विवाद: हरियाणा बीजेपी में उथल-पुथल

अनिल विज के विवादों की कहानी

अनिल विज के विवाद, (चंडीगढ़)। हरियाणा की राजनीति में अनिल विज का नाम एक प्रमुख स्थान रखता है। ये बीजेपी के सात बार के विधायक हैं और अंबाला कैंट से लगातार जीतते आ रहे हैं। हाल के समय में उनके बयानों ने पार्टी में हलचल मचा दी है। उन्होंने अपने ‘एक्स’ प्रोफाइल से ‘मंत्री’ शब्द हटा दिया और कहा कि वह किसी टैग के मोहताज नहीं हैं। उनके संबंध सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं। आइए, इस विस्तृत लेख में अनिल विज के विवादों की पूरी कहानी जानते हैं, जो बीजेपी को बार-बार मुश्किल में डालते हैं।


12 सितंबर को उन्होंने ‘एक्स’ पर यह दावा किया कि कुछ लोग अंबाला छावनी में वरिष्ठ नेताओं के आशीर्वाद से बीजेपी की “समानांतर” इकाई चला रहे हैं। इस पोस्ट ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। हालांकि, विज ने स्पष्ट किया कि बायो से ‘मंत्री’ हटाने का इस विवाद से कोई संबंध नहीं है। फिर भी, उनके इस कदम पर सभी की नजरें हैं।


अनिल विज का बीजेपी में सफर

अनिल विज हरियाणा बीजेपी के पुराने सिपाही हैं। 1980 के दशक से वे सक्रिय हैं और 1996 व 2000 में निर्दलीय लड़कर भी जीते। 2009 से बीजेपी टिकट पर अंबाला कैंट से विधायक बने। 2014 में जब बीजेपी ने हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, तो विज को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्हें गृह, स्वास्थ्य, और मेडिकल शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले। लेकिन यहीं से विवादों की शुरुआत हो गई। पार्टी के अंदर वे खुद को सबसे सीनियर मानते हैं और सीएम पद की दावेदारी जताते रहे। 2014 में जब मनोहर लाल खट्टर को सीएम चुना गया, तो विज ने खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा था कि वे ही सबसे योग्य थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।


मनोहर लाल खट्टर के साथ तकरार

मनोहर लाल खट्टर के दो कार्यकाल (2014-2024) में अनिल विज का रिश्ता हमेशा गर्म रहा। सबसे बड़ा विवाद 2020 में हुआ, जब विज गृह मंत्री थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य की इंटेलिजेंस विंग (CID) की ब्रीफिंग उन्हें भी मिलनी चाहिए। लेकिन खट्टर ने इसे अपने पास रखा। मामला इतना बढ़ा कि दोनों को दिल्ली बीजेपी हाईकमान के पास जाना पड़ा।


आखिरकार, इंटेलिजेंस विंग खट्टर के पास चली गई। विज ने इसे अपनी हार माना और सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई। इसके अलावा, 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी दोनों के बीच खींचतान की खबरें आईं। विज का कहना था कि पार्टी लीडरशिप उन्हें सही सपोर्ट नहीं दे रही। फिर भी, वे अपनी सीट से जीतते रहे और खट्टर कैबिनेट में बने रहे। लेकिन इन झगड़ों ने बीजेपी को कई बार शर्मिंदा किया।


वॉकआउट और तंज

2024 में बड़ा ट्विस्ट आया। मार्च में बीजेपी ने खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया, लोकसभा चुनावों से पहले। विज को इस फैसले में कंसल्ट नहीं किया गया, जिससे वे बेहद नाराज हो गए। विधायक दल की मीटिंग से बीच में ही वॉकआउट कर लिया और सैनी की शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें इग्नोर किया।


सितंबर 2024 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विज ने खुला दावा किया, “अगर बीजेपी जीती तो मैं सीएम पद का क्लेम करूंगा। हरियाणा का चेहरा-मोहरा बदल दूंगा।” लेकिन चुनाव जीतने के बाद भी सैनी ही दोबारा सीएम बने। विज को ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग मिले, लेकिन उनका पसंदीदा गृह विभाग सैनी ने अपने पास रख लिया।


अनिल विज का बीजेपी के लिए महत्व

विवादों के बावजूद, अनिल विज को बीजेपी नजरअंदाज नहीं कर सकती। अंबाला कैंट में उनका मजबूत आधार है और वे एंटी-इनकंबेंसी को पार कर जीतते हैं। 2024 चुनाव में उन्होंने निर्दलीय चित्रा सरवारा को 7,248 वोटों से हराया। पार्टी जानती है कि विज के बिना नॉर्थ हरियाणा में दिक्कत हो सकती है। लेकिन उनके बागी तेवर पार्टी को बार-बार मुश्किल में डालते हैं। क्या ये विवाद बढ़ेंगे या सुलझेंगे? आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति पर नजर रखनी होगी।


अनिल विज पर बीजेपी का एक्शन

इन बयानों से बीजेपी हाईकमान नाराज हो गया। फरवरी 2025 में राज्य अध्यक्ष ने विज को शो कॉज नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया कि उनके बयान पार्टी अनुशासन के खिलाफ हैं और सीएम व प्रदेश चीफ के खिलाफ हैं। विज ने जवाब दिया, लेकिन डिटेल्स शेयर नहीं कीं। पार्टी ने उन्हें शांत रहने को कहा। सितंबर 2025 तक हालात और बिगड़ गए। विज ने कहा, “अंबाला कैंट में समानांतर बीजेपी चल रही है, जिसे ऊपर वालों का आशीर्वाद है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लीडर्स और अफसर उनके खिलाफ काम कर रहे। सीएम सैनी ने इसे डाउनप्ले किया, कहा, “विज सीनियर लीडर हैं, उनकी राय का सम्मान। कोई नाराजगी नहीं।” लेकिन पार्टी के अंदर रिफ्ट साफ दिख रही है।