अमित शाह ने अरवल में जनसभा में महाठगबंधन पर साधा निशाना
अरवल में अमित शाह का भाषण
अरवल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के अरवल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह इस चुनाव में लगभग 38 स्थानों पर गए हैं और आज अरवल पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मगध, सीमांचल, आरा, पटना और मिथिलांचल में यात्रा की है और पूरे बिहार में एक ही भावना देखी है - 14 तारीख को महाठगबंधन का अंत होने वाला है। एनडीए के सभी पांच नेता एकजुट होकर चुनावी मैदान में हैं, जबकि महाठगबंधन के भीतर आपसी संघर्ष चल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बरौनी खाद कारखाना और रीगा शूगर मिल को चालू किया है, साथ ही दो आईटी पार्क और एक टेक्सटाइल पार्क का निर्माण किया जा रहा है। एनडीए सरकार आने वाले दिनों में बिहार में 25 नई चीनी मिलें स्थापित करने की योजना बना रही है। लेकिन, उन्होंने चेतावनी दी कि माले और कम्युनिस्टों के आने से उद्योगों को नुकसान होगा, इसलिए लोगों को इन्हें रोकना चाहिए।
अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने घुसपैठियों को बचाने के लिए यात्रा निकाली थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह यात्रा बिहार की माताओं, गरीबों या युवाओं के लिए थी? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के लिए ये घुसपैठिए वोटबैंक हैं। उन्होंने वादा किया कि एनडीए सरकार एक-एक घुसपैठिए को देश से बाहर निकालेगी।
उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके नाम का इस्तेमाल केवल चुनावी लाभ के लिए करती है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को भारत रत्न तब मिला जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई। मोदी जी ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस और 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया। उनके लिए बाबा साहेब का नाम श्रद्धा का प्रतीक है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि हाल ही में मोदी जी और नीतीश कुमार ने 1.41 करोड़ जीविका दीदी के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये जमा किए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे एक बार फिर एनडीए सरकार बनाएं, ताकि वे जीविका दीदी के खातों में अगले ढाई साल में 2 लाख रुपये और डाल सकें।
