अमित शाह ने सीतामढ़ी में माता जानकी मंदिर का शिलान्यास किया

सीतामढ़ी में भव्य मंदिर का निर्माण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के सीतामढ़ी में माता जानकी के भव्य मंदिर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर की पहली ईंट रखी। यह मंदिर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के समान भव्यता के साथ बनाया जाएगा, लेकिन इसकी ऊंचाई अयोध्या के मंदिर से पांच फीट कम, यानी 156 फीट होगी। इस परियोजना पर लगभग नौ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसकी स्वीकृति नीतीश कुमार की सरकार ने दी है। इस मंदिर का भूमिपूजन अमित शाह ने किया, जबकि नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे, लेकिन पूजा की सभी विधियां गृह मंत्री ने ही संपन्न कीं।
अमित शाह का अयोध्या से जुड़ा इतिहास
यह ध्यान देने योग्य है कि जब अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब अमित शाह कोरोना संक्रमित थे और वे वहां उपस्थित नहीं हो सके। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन किया था, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल थे। मंदिर का उद्घाटन भी मोदी के द्वारा किया गया था, जिसमें अमित शाह अनुपस्थित रहे। अब जब बिहार में सीता जन्मभूमि मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो इसे अमित शाह का कार्यक्रम माना जा रहा है।
राजनीतिक लाभ की उम्मीद
भारतीय जनता पार्टी के नेता इस कार्यक्रम से बड़ा राजनीतिक लाभ मिलने की आशा कर रहे हैं। हालांकि, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का लाभ भाजपा को नहीं मिला। बिहार में भूमिपूजन के दौरान नीतीश कुमार की स्थिति भी स्पष्ट रूप से कमजोर दिखी। पूजा के लिए उन्हें कुर्सी लानी पड़ी, जिससे विपक्षी दल ने उनकी सेहत पर सवाल उठाए। प्रशांत किशोर ने भी इस पर टिप्पणी की कि नीतीश कुमार अब दया के पात्र बन गए हैं।
भाजपा का कार्यक्रम
सीतामढ़ी का यह कार्यक्रम सरकारी था, और नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं ने इसे सफल बनाने के लिए काफी प्रयास किए। स्थानीय सांसद देवेश चंद्र ठाकुर भी जनता दल यू से हैं। लेकिन इस कार्यक्रम को भारतीय जनता पार्टी ने अपने नियंत्रण में ले लिया। अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा के कई नेता वहां मौजूद थे, जिससे यह संदेश गया कि भाजपा अयोध्या की तर्ज पर सीतामढ़ी में मंदिर का निर्माण करवा रही है।