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अमेरिका का ईरान पर हमला: न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन हाई अलर्ट पर

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया है, जिसके बाद न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन जैसे बड़े शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है, जबकि ईरान ने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। हौथी विद्रोही गुट ने इसे युद्ध की शुरुआत बताया है, जिससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। इस स्थिति पर पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
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अमेरिका का ईरान पर हमला: न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन हाई अलर्ट पर

अमेरिका की कार्रवाई से बढ़ी चिंता

अमेरिका की सतर्कता: दुनिया में तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है, क्योंकि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर सीधा हमला किया है। इस हमले के बाद न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन जैसे प्रमुख अमेरिकी शहरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। स्थानीय पुलिस ने धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनयिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिए हैं।


न्यूयॉर्क पुलिस की प्रतिक्रिया

न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट (NYPD) ने जानकारी दी है कि वे ईरान में हो रही घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं। NYPD ने सोशल मीडिया पर बताया, 'सावधानी के तौर पर हम न्यूयॉर्क शहर में धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनयिक स्थलों पर अतिरिक्त बल तैनात कर रहे हैं और फेडरल एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'


वॉशिंगटन डीसी की स्थिति

वॉशिंगटन डीसी की मेट्रोपॉलिटन पुलिस डिपार्टमेंट ने कहा, 'फिलहाल किसी प्रकार का सीधा खतरा नहीं है, लेकिन हमने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। हम सभी स्थानीय, राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'


ईरान में घटनाक्रम

अमेरिका द्वारा ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर हमले ने ईरान-इजरायल के बीच टकराव को और भी गंभीर बना दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमले के बाद कहा, 'ईरान की परमाणु क्षमता को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।' वहीं, ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों पर हमला कर न केवल UN चार्टर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते (NPT) का भी उल्लंघन किया है।'


हौथी विद्रोहियों की प्रतिक्रिया

यमन के हौथी विद्रोही गुट ने अमेरिका के इस हमले को युद्ध की शुरुआत करार दिया है। इससे यह चिंता और बढ़ गई है कि यह टकराव अब केवल ईरान और इजरायल तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे मध्य पूर्व और संभवतः उससे भी आगे फैल सकता है।