अमेरिका के ईरान पर हमले के बाद वैश्विक प्रतिक्रियाएँ

ईरान-इजराइल संघर्ष में अमेरिका की भूमिका
नई दिल्ली - ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका ने अब अपनी भागीदारी दिखाई है। हाल ही में अमेरिका ने ईरानी परमाणु संयंत्रों पर हमले किए हैं, जिसके बाद भारत सहित कई देशों की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।
भारत का कूटनीतिक दृष्टिकोण
संवाद और कूटनीति से समस्याओं का हल निकाला जाना चाहिएः भारत
भारत ने इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि समस्याओं का समाधान संवाद और कूटनीति के माध्यम से होना चाहिए। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
अमेरिका के हमलों ने बढ़ाया खतरा: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका के हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस्राइल-ईरान संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है, जिससे नागरिकों और क्षेत्र के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने सदस्य देशों से तनाव कम करने की अपील की है।
चीन की प्रतिक्रिया
अमेरिकी हमले एक खतरनाक मोड़- चीन
चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिकी हमलों को एक खतरनाक मोड़ बताया है। उन्होंने 2003 में इराक पर अमेरिकी आक्रमण का उदाहरण देते हुए कहा कि मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप अक्सर अनपेक्षित परिणाम लाता है।
जापान की बैठक
जापान के प्रधानमंत्री करेंगे बैठक
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने रविवार को ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के संदर्भ में प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक करने की योजना बनाई है।
ऑस्ट्रेलिया का दृष्टिकोण
अब शांति का समय आ गया है- ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में तेहरान में अपने दूतावास को बंद कर दिया है और कर्मचारियों को निकाल लिया है। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है।