अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने एच-1बी वीजा शुल्क में दी राहत

एच-1बी वीजा के लिए नए दिशा-निर्देश
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने विदेशी पेशेवरों के लिए एच-1बी वीजा की 1 लाख डॉलर की आवेदन शुल्क में राहत देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों में कई छूट और अपवाद शामिल हैं।
नए नियमों के अनुसार, जो लोग एफ-1 (छात्र) वीजा से एच-1बी वीजा में परिवर्तन कर रहे हैं, उन्हें यह शुल्क नहीं देना होगा। इसी तरह, अमेरिका में रहकर वीजा में संशोधन, स्थिति परिवर्तन या अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करने वाले एच-1बी धारकों पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।
इसके अतिरिक्त, मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों को अमेरिका में यात्रा करने पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी। यह शुल्क केवल उन नए आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका के बाहर हैं और जिनके पास मान्य एच-1बी वीजा नहीं है। नई आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन भुगतान लिंक भी उपलब्ध कराया गया है।
यह स्पष्टीकरण उस समय आया है जब अमेरिकी वाणिज्य मंडल ने इस निर्णय के खिलाफ ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है। संगठन ने इस शुल्क को “गैरकानूनी” बताते हुए कहा कि इससे अमेरिकी व्यवसायों पर “गंभीर आर्थिक असर” पड़ेगा, जिससे कंपनियों को अपने श्रम खर्च में वृद्धि करनी पड़ेगी या कुशल विदेशी कर्मचारियों की भर्ती में कमी करनी होगी।
यह ट्रंप प्रशासन के खिलाफ दूसरी बड़ी कानूनी चुनौती है। इससे पहले, श्रमिक संघों, शिक्षा विशेषज्ञों और धार्मिक संस्थाओं के समूह ने भी 3 अक्टूबर को मुकदमा दायर किया था।
ट्रंप ने 19 सितंबर को हस्ताक्षरित इस घोषणा पर कहा था कि इसका उद्देश्य “अमेरिकी नागरिकों को रोजगार का प्रोत्साहन देना” है। हालांकि, इस निर्णय से मौजूदा वीजा धारकों में यह भ्रम उत्पन्न हो गया था कि क्या वे अमेरिका लौट पाएंगे।
व्हाइट हाउस ने 20 सितंबर को कहा था कि यह “एक बार लिया जाने वाला शुल्क” है, जो केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा, न कि नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर।
यह ध्यान देने योग्य है कि 2024 में भारतीय मूल के पेशेवरों को कुल स्वीकृत एच-1बी वीजाओं में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी मिली थी। इसका कारण वीजा स्वीकृति में लंबित मामलों का भारी बैकलॉग और भारत से आने वाले उच्च कौशल वाले आवेदकों की बड़ी संख्या है।