अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप से भारत में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने की अपील की

सांसदों की अपील
न्यूयॉर्क: अमेरिका के प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अनुरोध किया है कि वे भारत में आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन और अन्य महत्वपूर्ण एशियाई बैठकों में भाग लें। इस पहल का नेतृत्व प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के सदस्य ग्रेगरी डब्ल्यू. मीक्स कर रहे हैं।
सांसदों का पत्र: इस पत्र पर यंग किम, एमी बेरा, बिल ह्यूजेंगा और सिडनी कैमलेगर-डव जैसे कई सांसदों के हस्ताक्षर हैं। पत्र में उल्लेख किया गया है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र अमेरिका की सुरक्षा और वैश्विक रणनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। सांसदों का मानना है कि जब चीन इस क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, तब अमेरिकी राष्ट्रपति की सक्रिय उपस्थिति आवश्यक है ताकि वाशिंगटन का नेतृत्व स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो सके।
अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी: सांसदों ने ट्रंप से आग्रह किया है कि वे इस वर्ष होने वाले तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों—मलेशिया में ईस्ट एशिया समिट, दक्षिण कोरिया में एपीईसी सम्मेलन और भारत में क्वाड लीडर्स मीट—में व्यक्तिगत रूप से शामिल हों। उनका कहना है कि इससे अमेरिका की प्रतिबद्धता और क्षेत्रीय सहयोगियों में विश्वास मजबूत होगा।
क्वाड गठबंधन का महत्व: पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बना क्वाड गठबंधन इंडो-पैसिफिक में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने का एक प्रमुख साधन है। सांसदों ने इसे अमेरिकी हितों के लिए एक 'मुख्य रणनीतिक स्तंभ' बताया है।
संशोधन का संदर्भ: यह पहल उस संशोधन के बाद आई है जिसे डेमोक्रेट सांसद सिडनी कैमलेगर-डव ने 'डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट पॉलिसी प्रोविज़न्स एक्ट' में जोड़ा था। उस संशोधन में भी राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया था कि वे क्वाड साझेदारी में सक्रिय भूमिका निभाएं और साल के अंत में होने वाले सम्मेलन में उपस्थित रहें।
ट्रंप की उपस्थिति का प्रभाव: सांसदों का मानना है कि ट्रंप की व्यक्तिगत उपस्थिति से न केवल अमेरिका का प्रभाव बढ़ेगा, बल्कि यह संदेश भी जाएगा कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।