अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 2025: जानें विशेषताएँ

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 2025
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 2025: भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या एक बार फिर भक्ति और आध्यात्मिकता के रंग में रंगी हुई है। 3 से 5 जून 2025 के बीच श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार और 14 अन्य मंदिरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर हो रहा है, जो गंगा के अवतरण का प्रतीक है।
मंगल कलश यात्रा का शुभारंभ
इस समारोह की शुरुआत 2 जून 2025 को मंगल कलश यात्रा के साथ हुई। यह यात्रा संत तुलसीदास घाट से दोपहर 4 बजे शुरू हुई, जिसमें लगभग 400 महिलाओं ने सरयू नदी के पवित्र जल से भरे कलश लेकर भाग लिया। यात्रा लता चौक, रामपथ, हनुमानगढ़ी, बड़ा स्थान और रंगमहल होते हुए राम मंदिर के यज्ञ मंडप तक पहुंची। इस दौरान मां सरयू का पूजन और यजमानों का प्रायश्चित कर्म भी संपन्न हुआ।
अनुष्ठान का विवरण
3 जून को सुबह 6:30 बजे से अनुष्ठान शुरू होंगे, जो 12 घंटे तक चलेंगे। इस दिन पंचांग पूजन, यज्ञ मंडप पूजन, ग्रह यज्ञ, अग्नि स्थापना, हवन और मूर्तियों का जलाधिवास होगा। 4 जून को अन्नाधिवास, देव स्नान, ग्राम प्रदक्षिणा और शैयाधिवास जैसे अनुष्ठान होंगे। मुख्य समारोह 5 जून को गंगा दशहरा के दिन होगा, जब सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार और अन्य मंदिरों की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। दोपहर 1 बजे आरती के साथ अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी। यह समारोह काशी के विद्वान पंडित जयप्रकाश की अगुवाई में 101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न होगा।
स्थापित होने वाली मूर्तियाँ
इस समारोह में राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियाँ शामिल हैं। ये मूर्तियाँ जयपुर के सफेद संगमरमर से बनी हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 4.5 फीट है। विशेष बात यह है कि राम और सीता की मूर्तियाँ एक ही पत्थर से तराशी गई हैं, जो उनके अटूट बंधन को दर्शाती हैं।
दर्शन की व्यवस्था
राम मंदिर ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि 3 से 5 जून तक रामलला के दर्शन नियमित रूप से चलते रहेंगे। हालांकि, भक्तों को प्रथम तल पर राम दरबार और अन्य मंदिरों के दर्शन के लिए सितंबर-अक्टूबर 2025 तक इंतजार करना होगा, जब निर्माण कार्य पूरा होगा। अयोध्या जिला प्रशासन ने रामपथ, धर्मपथ और परिक्रमा मार्गों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है ताकि धार्मिक माहौल बना रहे।