अरविंद केजरीवाल का अनोखा दावा: क्या उन्हें गवर्नेंस में नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए?

केजरीवाल का गर्व और पुरस्कार की मांग
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें गवर्नेंस और प्रशासन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। यह बयान उन्होंने पंजाब के मोहाली में एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जहां AAP नेता जैसमीन शाह की किताब 'केजरीवाल मॉडल' का पंजाबी संस्करण लॉन्च किया गया।
एलजी की बाधाओं के बावजूद सफलता
केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल (एलजी) ने दिल्ली सरकार के हर कदम में रुकावटें डालीं, लेकिन फिर भी उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और सड़क के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने मजाक में कहा, "एलजी के रहते हुए जो काम मैंने किए, उसके लिए तो नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। इतनी मुश्किलों के बावजूद हमने दिल्ली में बदलाव लाया।"
अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार की पहली मांग
यह पहली बार है जब केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से अपने लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार की मांग की है। इससे पहले, उन्होंने अपने दो पूर्व मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भारत रत्न देने की मांग की थी।
एक नया मॉडल पेश करने का उद्देश्य
कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि उनका लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं था, बल्कि देश के सामने एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करना था जिससे यह विश्वास फिर से स्थापित हो सके कि सरकारी स्कूल, अस्पताल और बिजली-पानी की सेवाएं सुधारी जा सकती हैं। उन्होंने कहा, "मैं कोई सिकंदर नहीं हूं, न ही मुझे हर चुनाव जीतने का शौक है। मैं सिर्फ यह दिखाना चाहता था कि ईमानदार नीयत हो तो व्यवस्था को बदला जा सकता है।"
दिल्ली में सुधार की उपलब्धियां
केजरीवाल ने अपनी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि दिल्ली में शिक्षा सुधार के लिए नए स्कूलों का निर्माण किया गया, कक्षाओं का उन्नयन किया गया और शिक्षकों की ट्रेनिंग विदेशों में करवाई गई। अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या बढ़ाई गई, बिजली बिलों में राहत दी गई और पीने का पानी मुफ्त किया गया।
बीजेपी पर कटाक्ष
केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे खुद कोई काम नहीं करते और दूसरों को भी काम करने नहीं देते। उन्होंने एलजी के माध्यम से दिल्ली सरकार को निष्क्रिय बनाने का आरोप लगाया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के समर्थक उपस्थित थे। केजरीवाल के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस को जन्म दे सकता है।