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अरविंद केजरीवाल की पार्टी को उपचुनावों में मिली बड़ी जीत

आम आदमी पार्टी ने हाल के उपचुनावों में लुधियाना वेस्ट और गुजरात की विसावदर सीट पर महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। इस जीत ने पार्टी को नई ताकत दी है, जबकि कांग्रेस के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। गुजरात में कांग्रेस के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई, जिससे पार्टी की स्थिति और कमजोर हुई है। केजरीवाल की पार्टी की यह सफलता उनके नेतृत्व को मजबूत करेगी और पंजाब में भी स्थिरता लाएगी।
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अरविंद केजरीवाल की पार्टी को उपचुनावों में मिली बड़ी जीत

उपचुनावों में आम आदमी पार्टी की सफलता

उपचुनाव के परिणामों ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को महत्वपूर्ण मजबूती प्रदान की है। यह मजबूती केवल लुधियाना वेस्ट की सीट पर जीतने से नहीं आई, बल्कि गुजरात की विसावदर सीट पर पुनः विजय प्राप्त करने से भी मिली है। गुजरात का यह परिणाम सभी के लिए चौंकाने वाला है, खासकर कांग्रेस के लिए। उल्लेखनीय है कि गुजरात में दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे, जिनमें से एक विसावदर सीट आम आदमी पार्टी के पास थी। यह सीट भूपेंद्र भयानी के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी। भयानी ने 2022 के चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने भयानी को उम्मीदवार नहीं बनाया, जबकि किरीट पटेल को मैदान में उतारा। आम आदमी पार्टी ने गोपाल इटालिया को उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने भाजपा के किरीट पटेल को 17 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया।


कांग्रेस के लिए चिंता का विषय

गुजरात की विसावदर सीट का परिणाम भाजपा से अधिक कांग्रेस के लिए चिंता का कारण है। कांग्रेस ने इस सीट पर नितिन रनपरिया को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस के उम्मीदवार को केवल पांच हजार से कुछ अधिक वोट मिले। वहीं, आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने 76 हजार वोट लेकर जीत हासिल की। यह स्थिति कांग्रेस के लिए चिंताजनक है, खासकर जब राहुल गांधी ने हाल ही में गुजरात में पार्टी के संगठन में सुधार की बात की थी। इसके बावजूद, पहले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार की जमानत जब्त होना दर्शाता है कि मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति संदेह बढ़ रहा है।


लुधियाना वेस्ट में आम आदमी पार्टी की जीत

आम आदमी पार्टी ने पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर भी जीत दर्ज की है। इस सीट पर केजरीवाल ने अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को चुनाव में उतारा था। अब उन्हें मंत्री बनाया जाएगा और उनके इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल उच्च सदन में जाएंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव हार गई थी, और केजरीवाल भी हार गए थे। यदि वे राज्यसभा में जाते हैं, तो इससे उनके नेतृत्व पर उठ रहे सवाल समाप्त हो जाएंगे और उनकी उपस्थिति से पार्टी को मजबूती मिलेगी। इस नतीजे से पंजाब में आम आदमी पार्टी में टूट-फूट और सरकार की अस्थिरता के सवाल भी समाप्त हो जाएंगे। लुधियाना वेस्ट सीट पर आप के संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को हराया।