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अरविंद केजरीवाल ने 'केजरीवाल मॉडल' पुस्तक का पंजाबी संस्करण विमोचित किया

अरविंद केजरीवाल ने मोहाली में 'केजरीवाल मॉडल' पुस्तक के पंजाबी संस्करण का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने शासन मॉडल की विशेषताओं और अन्य राजनीतिक दलों की नीतियों की तुलना की। केजरीवाल ने बताया कि उनका उद्देश्य चुनाव जीतना नहीं, बल्कि आम आदमी के लिए एक ईमानदार शासन मॉडल बनाना है। कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित थे। जानें इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बातें और केजरीवाल के विचारों को विस्तार से।
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अरविंद केजरीवाल ने 'केजरीवाल मॉडल' पुस्तक का पंजाबी संस्करण विमोचित किया

केजरीवाल मॉडल का विमोचन

हम राजनीति में चुनाव जीतने नहीं, बल्कि आम आदमी के लिए एक सुशासन मॉडल बनाने आए हैंः अरविंद केजरीवाल


चंडीगढ़ - आम आदमी पार्टी (आप) के दृष्टिकोण और कार्यों को समर्पित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आज मोहाली में 'केजरीवाल मॉडल' पुस्तक का पंजाबी संस्करण औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया। इस अवसर पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया उपस्थित थे।


यह पुस्तक आप नेता जैसमीन शाह द्वारा लिखी गई है और यूनिस्टार बुक्स द्वारा प्रकाशित की गई है। कार्यक्रम का संचालन पार्टी के महासचिव दीपक बाली ने किया। प्रकाशक हरीश जैन और रोहित जैन भी इस अवसर पर मौजूद थे।


लेखक जैसमीन शाह ने बताया कि उन्होंने यह पुस्तक क्यों लिखी। उन्होंने कहा, "मैंने एक ऐसा शासन मॉडल देखा है जिसने भारतीय राजनीति की दिशा को बदल दिया है। यह मॉडल सरकारी स्कूलों, स्वास्थ्य सेवाओं, 24x7 मुफ्त बिजली और भ्रष्टाचारमुक्त शासन पर आधारित है।"


शाह ने केजरीवाल मॉडल की तुलना मोदी के गुजरात मॉडल से की। उन्होंने कहा, "केजरीवाल मॉडल जनकल्याण पर केंद्रित है, जबकि गुजरात मॉडल कुछ कॉरपोरेट हितों की सेवा करता है। गुजरात में ₹16 लाख करोड़ के कॉरपोरेट लोन माफ किए गए और शिक्षा बजट में कटौती हुई।"


पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जैसमीन शाह को बधाई दी और केजरीवाल को अपना मित्र और राजनीतिक मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि उनके लिए केजरीवाल मॉडल आम आदमी की राजनीति और शासन का प्रतीक है। सिसोदिया ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि 2015 से 2022 के बीच 23 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया, लेकिन केवल 7.22 लाख को रोजगार मिला। यह संदर्भ बताता है कि यह किताब कितनी महत्वपूर्ण है।


अरविंद केजरीवाल ने "परिवर्तन" नामक भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ से लेकर अन्ना आंदोलन और फिर पार्टी निर्माण तक की यात्रा साझा की। उन्होंने कहा, "26 नवंबर 2012 को हमने आम आदमी पार्टी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया। सभी ने कहा था कि हम हर सीट पर जमानत गंवा देंगे। लेकिन दिसंबर 2013 में हमने दिल्ली में 28 सीटें जीतीं।"


उन्होंने बताया कि केजरीवाल मॉडल किसी बोर्डरूम में नहीं बना, बल्कि दिल्ली की झुग्गियों में 10 साल के अनुभव से विकसित हुआ। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि सरकारी स्कूल, अस्पताल और बिजली की स्थिति कितनी खराब थी। उन्होंने अपने प्रारंभिक आंदोलनों का उल्लेख करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने भूख हड़ताल की और लोगों के घरों की बिजली जोड़ी। उन्होंने कहा कि हम सरकार में इसलिए आए ताकि हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20,000 लीटर मुफ्त पानी मिल सके।


उन्होंने दोहराया कि यह मॉडल केवल ईमानदारी पर निर्भर है। यदि सरकार भ्रष्ट है और मंत्री पैसे खा रहे हैं, तो यह मॉडल नहीं टिक सकता। हमने पंजाब में यह साबित किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें कहती थीं कि खजाना खाली है, लेकिन हमने स्कूल, अस्पताल ठीक किए और मुफ्त बिजली दी, क्योंकि हमने भ्रष्टाचार रोका और पैसा बचाया।


उन्होंने बीजेपी-शासित दिल्ली प्रशासन पर हमला करते हुए कहा, "आम आदमी पार्टी के हटते ही दिल्ली का बुरा हाल हो गया है। मोहल्ला क्लीनिक बंद हो गए, दवाएं और टेस्ट बंद हो गए, सड़कें टूटी और 6-6 घंटे की बिजली कटौती फिर लौट आई है।" उन्होंने कहा, "बीजेपी के नेता सेवा के लिए नहीं, मुनाफे के लिए आते हैं। हमें हर मोर्चे पर रोका गया, फिर भी हमने काम किया।"


केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि चुनाव जीतना उनका उद्देश्य नहीं है। उनका लक्ष्य एक ईमानदार शासन मॉडल बनाना और सोच में बदलाव लाना है। यह दिखाना कि सही नीयत से सरकारी स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी में सुधार किया जा सकता है।


अन्य दलों पर तंज कसते हुए केजरीवाल ने कहा कि पहले ये लोग निजीकरण का प्रचार करते थे, अब 200 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा कर रहे हैं क्योंकि हमने देश की राजनीतिक बहस को बदल दिया है।


उन्होंने कहा कि वह अन्य राज्यों की सरकारों की मदद करने को भी तैयार हैं। हमें वहां चुनाव नहीं लड़ना, पर हम मदद कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर मनीष सिसोदिया को ट्रेनिंग देने भेज सकते हैं, लेकिन बाकी सरकारें काम करना ही नहीं चाहतीं। केजरीवाल ने कहा कि यदि मौजूदा गति से काम चलता रहा तो जैसमीन शाह जल्द ही "पंजाब मॉडल" पर भी किताब लिखेंगे।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केजरीवाल ने राजनीति से नफरत, जाति और धर्म की भाषा हटाकर विकास की भाषा दी है। जैसमीन शाह को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में तीन भाषाओं में किताब लॉन्च करना बेहद प्रशंसनीय है।


मान ने कहा कि हर किताब एक कहानी कहती है और हर लेखक की अपनी कहानी होती है। उन्होंने कहा कि पहले जनता को नहीं पता था कि सरकारें क्या कर सकती हैं। हमें सिर्फ श्मशान और सीवर की बातें बताई जाती थीं। पर केजरीवाल मॉडल ने दिखाया कि सरकारें शिक्षा, नौकरी और स्वास्थ्य के लिए कितना बेहतर काम कर सकती हैं।


बीजेपी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं के लिए नौकरी की उम्र सीमा 37 साल है, लेकिन नेताओं की कोई उम्र सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 11 साल में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, जबकि मैं रोज पत्रकारों से मिलता हूं और हर सवाल का जवाब देता हूं।


टेलीप्रॉम्प्टर के माध्यम से बोलने को लेकर मोदी पर व्यंग्य करते हुए मान ने कहा कि हम दिल से बोलते हैं, स्क्रीन से नहीं क्योंकि हम सच्चाई की मिट्टी से बने हैं। मान ने समावेशी विकास का भी संदेश दिया और कहा कि जब सब लोग आगे बढ़ते हैं, तब समाज और देश आगे बढ़ता है।


इस अवसर पर पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, हरभजन सिंह ईटीओ, लालजीत सिंह भुल्लर, तरूणप्रीत सिंह सोंध, हरदीप सिंह मुंडिया, डॉ. बलबीर सिंह, डॉ. रवजोत, लाल चंद कटारूचक, बरिंदर कुमार गोयल और मोहिंदर भगत उपस्थित थे। इसके अलावा पार्टी के लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, विधायक अमनशेर सिंह शैरी कलसी, कुलवंत सिंह, कुलजीत सिंह, अशोक पराशर पप्पी, मदन लाल बग्गा, इंदरबीर सिंह निज्जर, अमृतपाल सिंह सुखानंद, अनमोल सिंह, डॉ. विजय सिंगला, डॉ. जीवन ज्योत कौर, नरिंदर कौर भराज, कृषि आयोग के चेयरमैन डॉ. सुखपाल सिंह, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह, पंजाब युवा विकास बोर्ड के चेयरमैन परमिंदर सिंह गोल्डी, मुख्य सचिव केएपी सिन्हा, भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर, पंजाब कला परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. योगराज, शमशेर संधू, डॉ. सरबजीत कौर सोहल, बाल मुकंद शर्मा एवं अन्य नेता उपस्थित थे।