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अलास्का में ट्रम्प और पुतिन के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता

अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर वार्ता ने यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त किया। दोनों नेताओं ने अपनी बातचीत को 'उत्पादक' बताया और भविष्य में शांति वार्ता जारी रखने की इच्छा व्यक्त की। पुतिन ने बाइडेन की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि यदि ट्रम्प राष्ट्रपति होते, तो युद्ध नहीं होता। इस बैठक ने अमेरिका-रूस संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की है।
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अलास्का में ट्रम्प और पुतिन के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता

अलास्का में ट्रम्प-पुतिन की मुलाकात

अलास्का में शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बहुप्रतीक्षित शिखर वार्ता को दोनों नेताओं ने 'उत्पादक' करार दिया। इस ऐतिहासिक मुलाकात के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, दोनों ने कहा कि उनकी बातचीत "रचनात्मक और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक माहौल" में हुई और इसे "बहुत ही गहन और उपयोगी" बताया। इस बैठक ने यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त किया।


पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि यदि 2022 में ट्रम्प व्हाइट हाउस में होते, तो यूक्रेन युद्ध शायद शुरू नहीं होता। उन्होंने कहा, "आज, जब राष्ट्रपति ट्रम्प कह रहे हैं कि यदि वह उस समय राष्ट्रपति होते, तो युद्ध नहीं होता, तो मुझे पूरा यकीन है कि ऐसा ही होता।"


पुतिन ने आगे कहा, "2022 में, पिछली सरकार के साथ अंतिम संपर्क के दौरान, मैंने अपने अमेरिकी सहयोगी को समझाने की कोशिश की कि शत्रुता के मामले में स्थिति को वापसी-रहित बिंदु तक नहीं लाना चाहिए। मैंने उस समय सीधे तौर पर कहा था कि यह एक बड़ी गलती है।" उन्होंने बाइडेन की यूक्रेन नीति की आलोचना की और कहा कि उनके दृष्टिकोण के कारण स्थिति और बिगड़ी।


पुतिन ने यह भी कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर उनकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ एक 'समझ' बनी है। उन्होंने यूरोप को चेतावनी दी कि वह इस "नवजात प्रगति को बाधित न करे।" हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतिम डील अभी बाकी है, लेकिन दोनों पक्षों ने इस दिशा में "काफी प्रगति" की है।


इस मुलाकात का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह था कि दोनों नेताओं ने भविष्य में शांति वार्ता जारी रखने की इच्छा व्यक्त की। राष्ट्रपति ट्रम्प ने पुतिन के साथ दूसरी बैठक आयोजित करने की इच्छा जताई, जिस पर रूसी राष्ट्रपति ने प्रस्ताव दिया कि अगली शिखर वार्ता मॉस्को में आयोजित की जानी चाहिए। यह उल्लेखनीय है कि यह 2021 में जिनेवा में पुतिन और बाइडेन की मुलाकात के बाद से अमेरिका और रूस के राष्ट्रपतियों के बीच पहली व्यक्तिगत मुलाकात थी।


अलास्का शिखर वार्ता ने अमेरिका-रूस संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत की है, जहाँ दोनों देश यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए सीधे संवाद कर रहे हैं। हालांकि, डील पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन दोनों नेताओं के बीच रचनात्मक संवाद और आगे की बातचीत की मंशा वैश्विक स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में कितनी प्रभावी साबित होती है।