अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में पंजाब भाजपा की 2027 की तैयारी

भाजपा की नई रणनीति
पंजाब में भाजपा अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। हाल ही में, पार्टी ने अश्विनी शर्मा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। पठानकोट से विधायक अश्विनी शर्मा तीसरी बार इस पद पर आसीन हुए हैं। उनकी नियुक्ति से प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पिछले कुछ समय से पार्टी के कई नेता असहज महसूस कर रहे थे।
सुनील जाखड़ की दूरी
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और वे पार्टी की गतिविधियों से दूर हो गए थे। महिला और युवा मोर्चा की गतिविधियों में कमी आई थी। अश्विनी शर्मा की नियुक्ति से पार्टी के पुराने नेता खुश हैं। उनकी निकटता पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के साथ है, जिससे कालिया गुट का प्रभाव फिर से बढ़ सकता है।
अश्विनी शर्मा का राजनीतिक सफर
अश्विनी शर्मा ने पहली बार 2010 में पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला था। उस समय प्रो. राजिंदर भंडारी के स्थान पर नए अध्यक्ष की तलाश चल रही थी। कालिया ने शर्मा को अध्यक्ष बनाकर उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया। तब से दोनों के बीच एक मजबूत तालमेल बना हुआ है।
भाजपा की जरूरतें
पार्टी लंबे समय से बिना अध्यक्ष के चल रही थी, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा था। अश्विनी शर्मा की नियुक्ति से उम्मीद है कि पार्टी की जमीनी स्तर पर स्थिति में सुधार होगा। महिला और युवा मोर्चा में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है, साथ ही एससी मोर्चा की स्थिति भी कमजोर हो चुकी है।