असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किया याद
बाबरी मस्जिद का शहीद होना
नई दिल्ली। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के शहीद होने की घटना को याद करते हुए कहा कि इस दिन को हम सभी जानते हैं। उन्होंने बताया कि 1992 में सुप्रीम कोर्ट को यह आश्वासन दिया गया था कि बाबरी मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। उस समय लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे कई नेता एकत्र हुए थे और उन्होंने यह वादा किया था, लेकिन इसके बाद मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया।
VIDEO | Hyderabad: Addressing a public meeting, AIMIM chief Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) says, “PM Modi said that with the construction of the Ram temple, wounds of 500 years are being healed. The question is that the Supreme Court in its judgment said there is no evidence that… pic.twitter.com/wNreLANBsx
— Press Trust of India (@PTI_News) December 6, 2025
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, पुलिस की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया। कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी कहा था कि 1949 में मस्जिद में मूर्तियां रखकर उसकी अवमानना की गई थी। इसके बावजूद, उन सभी लोगों को बरी कर दिया गया जो इस घटना में शामिल थे।
राम मंदिर और 500 साल के जख्म
ओवैसी ने एक सार्वजनिक सभा में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण से 500 साल के जख्म भर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई, तो पीएम किस जख्म की बात कर रहे हैं? असल जख्म तो 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का ध्वस्त होना है, जिसने संविधान और कानून के राज को कमजोर किया। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज ने रिटायरमेंट के बाद कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना गलत था, जबकि उन्होंने पहले यह भी कहा था कि इसका कोई सबूत नहीं है। ओवैसी ने इसे एक काले दिन के रूप में वर्णित किया।
