Newzfatafatlogo

असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर लगाया पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाने का आरोप

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उनकी नीतियों के कारण पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनने का अवसर मिला। उन्होंने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए और बताया कि कैसे भारतीय सेना ने इस खतरे को खत्म करने में मदद की थी। सरमा ने कहा कि कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलों के कारण भारत को आज भी इसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की पूरी कहानी।
 | 
असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर लगाया पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाने का आरोप

असम के मुख्यमंत्री का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया: पाकिस्तान, जो भारत का पड़ोसी देश है, अक्सर भारत को परमाणु हमले की धमकी देता रहता है। इस संदर्भ में, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सरकार को पाकिस्तान के परमाणु शक्ति बनने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इसे एक ऐतिहासिक गलती करार दिया।


सोशल मीडिया पर बयान

सीएम सरमा ने इस विषय पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल के कारण भारत ने पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनने का अवसर दिया। उन्होंने यह भी कहा, "जब दुनिया परमाणु खतरों को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है, तब 1980 के दशक में भारत की निष्क्रियता एक दर्दनाक सबक बन गई है।"


भारतीय सेना का सहयोग

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, "रॉ को यह जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान का 'कहूटा प्लांट' यूरेनियम संवर्धन का केंद्र बन गया है। भारतीय सेना ने कांग्रेस की केंद्र सरकार को कहूटा पर हवाई हमले में पूरा सहयोग दिया था।"


इजराइल का सहयोग

उन्होंने आगे कहा, "इजराइल ने खुफिया जानकारी और संयुक्त हवाई हमले की योजना बनाने में मदद की पेशकश की थी। जामनगर एयरबेस को भी लॉन्चपैड के रूप में चिन्हित किया गया था। भारत के पास इस खतरे को खत्म करने की क्षमता और राजनीतिक सहमति दोनों थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया के डर से इंदिरा गांधी ने अंतिम समय में कदम पीछे खींच लिए।"


राजीव गांधी का समझौता

सीएम का बयान

सीएम सरमा ने कहा, "1988 में राजीव गांधी ने बेनजीर भुट्टो के साथ परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला न करने का समझौता किया था। इसके बाद 1998 में पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया।"


कांग्रेस की नीति पर सवाल

उन्होंने कहा, "कारगिल युद्ध, आतंकवाद और सीमा पार हमले सभी पाकिस्तान के परमाणु सुरक्षा कवच की छाया में हुए। आज भी पाकिस्तान परमाणु हथियारों की धमकी देकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर नैतिक वैधता हासिल करने का प्रयास कर रहा है।"


नेतृत्व से सबक

सीएम का निष्कर्ष

उन्होंने कहा, "जहां मजबूत नेतृत्व के लिए दूरदर्शिता और साहस की आवश्यकता होती है, वहीं कांग्रेस ने हिचकिचाहट और देरी दिखाई। एक ऐतिहासिक अवसर, जो भारत की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता था, कुछ दिनों की अंतरराष्ट्रीय सहमति के लिए बलिदान कर दिया गया।"