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असम में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण: 10.5 लाख नाम हटाए गए

असम में चुनाव आयोग ने विशेष पुनरीक्षण के तहत 10.5 लाख नामों को मतदाता सूची से हटा दिया है। यह प्रक्रिया घर-घर जाकर सत्यापन के बाद की गई है, जिसमें मृत व्यक्तियों, स्थान बदलने वालों और दोहराव वाले नाम शामिल हैं। वर्तमान में असम में 2.51 करोड़ मतदाता हैं। जानें इस प्रक्रिया के उद्देश्य और मतदाता पंजीकरण की आवश्यक शर्तें।
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असम में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण: 10.5 लाख नाम हटाए गए

असम की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी


नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने असम की ड्राफ्ट मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण पूरा कर लिया है। इस प्रक्रिया में लगभग 10.5 लाख नामों को मतदाता सूची से हटा दिया गया है। आयोग ने बताया कि यह कदम घर-घर जाकर सत्यापन के बाद उठाया गया है। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के अधूरे होने के कारण यह विशेष पुनरीक्षण किया गया है, क्योंकि राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।


हटाए गए नामों का विवरण

चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 10,56,291 नाम हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 4,78,992 नाम मृत व्यक्तियों के हैं, जबकि 5,23,680 नाम उन लोगों के हैं जिन्होंने अपना स्थान बदल लिया है। इसके अतिरिक्त, 53,619 नाम दोहराव के कारण सूची से हटाए गए हैं। ये आंकड़े विशेष पुनरीक्षण के दौरान सामने आए हैं।


असम में मतदाताओं की संख्या

यह विशेष पुनरीक्षण 22 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच किया गया था, जिसमें 1 जनवरी को पात्रता तिथि मानी गई। वर्तमान में असम में कुल 2.51 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 93,021 डी वोटर शामिल नहीं हैं, जिन्हें संदिग्ध मतदाता माना जाता है।


विशेष पुनरीक्षण का उद्देश्य

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि असम में किया गया यह अभ्यास अन्य राज्यों में होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण से भिन्न है। इस दौरान किसी भी दस्तावेज का भौतिक सत्यापन आवश्यक नहीं था। इसका मुख्य उद्देश्य नए मतदाताओं का नाम जोड़ना, गलत प्रविष्टियों पर आपत्ति दर्ज करना और सुधार के लिए आवेदन लेना था। यह प्रक्रिया स्वैच्छिक फॉर्म भरने के माध्यम से पूरी की गई।


मतदाता पंजीकरण की शर्तें

चुनाव आयोग ने बताया कि किसी व्यक्ति के मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए चार आवश्यक शर्तें हैं: व्यक्ति भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसकी न्यूनतम आयु पूरी होनी चाहिए, वह संबंधित निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी होना चाहिए, और वह किसी कानून के तहत मतदान से अयोग्य घोषित नहीं होना चाहिए।