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आंध्र प्रदेश में मानसून की तैयारियों पर मुख्य सचिव का जोर

आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने आगामी मानसून और संभावित बाढ़ की चुनौतियों का सामना करने के लिए सूक्ष्म-स्तरीय योजना के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को व्यापक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने बाढ़ के अनुभवों का विश्लेषण करने और एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने की सलाह दी। इसके साथ ही, आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सटीक जानकारी जुटाने और प्रभावी निर्णय लेने पर भी जोर दिया गया।
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आंध्र प्रदेश में मानसून की तैयारियों पर मुख्य सचिव का जोर

मुख्य सचिव की बैठक में बाढ़ प्रबंधन पर चर्चा

आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने आगामी मानसून और संभावित बाढ़ की चुनौतियों का सामना करने के लिए सूक्ष्म-स्तरीय योजना के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को व्यापक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विभागों जैसे राजस्व, सिंचाई, पुलिस, स्वास्थ्य, पंचायत राज, सड़क एवं भवन, बिजली, और कृषि के बीच समन्वय की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया गया।


उन्होंने अधिकारियों को अतीत के बाढ़ अनुभवों का विश्लेषण करने और भविष्य के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा। त्वरित प्रतिक्रिया, क्षति का आकलन, और राहत कार्यों में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया। आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) का उपयोग कर सटीक जानकारी जुटाने और प्रभावी निर्णय लेने की सलाह दी गई।


तैयारियों के तहत, ग्राम स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, विशेष अधिकारियों की नियुक्ति करने और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) तथा अग्निशामक विभाग की बचाव टीमों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात करने की योजना बनाई गई है। संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान, सुरक्षित आश्रयों की व्यवस्था और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।


किसानों और स्थानीय अधिकारियों के साथ प्रभावी संचार बनाए रखने पर भी जोर दिया गया, ताकि समय पर आवश्यक कदम उठाए जा सकें। मुख्य उद्देश्य मानव जीवन, पशुधन और फसलों के नुकसान को न्यूनतम करना है। विशेष रूप से कृष्णा और गोदावरी नदियों तथा सोमासिला और गांडिकोटा जैसे जलाशयों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।