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आजम खान और अखिलेश यादव की मुलाकात: सपा में फिर से एकता की बयार

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अखिलेश यादव से रामपुर में मुलाकात की, जिसमें उन्होंने पार्टी की एकता और मजबूती पर जोर दिया। आजम ने कहा कि उनके और अखिलेश के बीच कभी कोई मनमुटाव नहीं था। मुलाकात में उनकी सेहत और मौजूदा हालात पर भी चर्चा हुई। आजम ने कानूनी मामलों का जिक्र करते हुए अखिलेश के समर्थन की सराहना की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुलाकात चुनावों को ध्यान में रखकर नहीं हुई। जानें इस मुलाकात के पीछे की पूरी कहानी और सपा की भविष्य की दिशा।
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आजम खान और अखिलेश यादव की मुलाकात: सपा में फिर से एकता की बयार

आजम खान की खुलकर बातें

समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खान ने बुधवार को रामपुर में अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद अपनी बातों को स्पष्ट किया। यह मुलाकात लंबे समय के बाद हुई, जिसने सपा में राजनीतिक हलचल को फिर से जीवित कर दिया। आजम ने कहा कि उनके और अखिलेश के बीच कभी कोई मनमुटाव नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि दिल अखिलेश से जुदा कब हुआ था? उनके बीच कोई शिकवा या शिकायत नहीं है। बातचीत का मुख्य उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना और सही दिशा में आगे बढ़ाना था.


स्वास्थ्य और वर्तमान स्थिति पर चर्चा

आजम खान ने बताया कि इस मुलाकात में राजनीतिक मुद्दों के अलावा उनकी सेहत और वर्तमान हालात पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि वह आग लगाने वाली राजनीति में विश्वास नहीं रखते, बल्कि सपा की एकता और मजबूती के लिए प्रयासरत हैं। उनका लक्ष्य पार्टी को टूटने से बचाना और समाजवादी आंदोलन को फिर से मजबूत करना है.


कानूनी मामलों पर आजम खान की बातें

अपने कानूनी मामलों पर चर्चा करते हुए, आजम खान ने अपनी परेशानियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन पर मुर्गी चोरी का आरोप लगाया गया, जिसके तहत 30 लाख का जुर्माना और लंबी सजा दी गई। जेल में रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अखिलेश यादव ने कानूनी मदद में हर संभव प्रयास किया है और आगे भी समर्थन की उम्मीद जताई।


मुहिउउल्लाह नदवी पर आजम खान की राय

आजम खान ने स्पष्ट किया कि इस मुलाकात की पहल उन्होंने नहीं की, बल्कि अखिलेश यादव खुद उनसे मिलने आए थे। यह एक शिष्टाचार भेंट थी, जिसमें संगठन को मजबूत करने की बातें हुईं। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह मुलाकात आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर हुई, तो आजम ने इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव अभी दूर हैं और मौजूदा हालात पहले जैसे नहीं हैं। रामपुर में अब कोई सियासत नहीं बची है। मौलाना मुहिउउल्लाह नदवी के बारे में पूछे जाने पर, आजम ने कहा कि वे उन्हें तब से जानते हैं जब वे सांसद बने थे, लेकिन उन्हें न तब पसंद था, न आज हैं.


सपा में एकता का संकेत

कुल मिलाकर, आजम खान के इस बयान ने यह संकेत दिया कि उनके और अखिलेश यादव के बीच अब कोई दूरी नहीं है। दोनों नेता आगामी दौर में सपा की एकता और पुनर्गठन पर मिलकर काम करने के इच्छुक हैं.