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आपातकाल: भारतीय राजनीति का काला अध्याय

आपातकाल के दौरान 13 महीने जेल में बिताने वाले चरणजीत सिंह अटवाल ने अपने अनुभव साझा किए। भाजपा जिलाध्यक्ष हरविंदर सिंह संधू ने उन्हें सम्मानित किया। अटवाल ने बताया कि कैसे उन्हें जबरन गिरफ्तार किया गया और अमानवीय यातनाएं दी गईं। इस कार्यक्रम में अन्य योद्धाओं को भी सम्मानित किया गया। जानें इस काले अध्याय के बारे में और क्या कहा अटवाल ने।
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आपातकाल: भारतीय राजनीति का काला अध्याय

आपातकाल के दौरान की यातनाएं

अमृतसर/दीपक मेहरा : आपातकाल के दौरान 13 महीने और 6 दिन जेल में बिताने वाले चरणजीत सिंह अटवाल, जिन्होंने दो बार विधायक, दो बार विधानसभा स्पीकर, दो बार सांसद और एक बार लोकसभा के डिप्टी स्पीकर के रूप में कार्य किया, को भाजपा जिलाध्यक्ष हरविंदर सिंह संधू ने सम्मानित किया। इस अवसर पर संधू ने अपनी टीम के सदस्यों डॉ. राम चावला, गुरप्रताप सिंह टिक्का, सलिल कपूर, मनीष शर्मा, संतोख सिंह गुमटाला, ओम प्रकाश अनार्य, इन्द्रजीत सिंह बासरके, हरदीप सिंह गिल आदि के साथ मिलकर अटवाल को पुष्पगुच्छ और दोशाला भेंट किया।


भाजपा कार्यालय शहीद हरबंस लाल खन्ना स्मारक में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान अटवाल ने आपातकाल के समय की घटनाओं को साझा करते हुए बताया कि उन्हें भी जबरन गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था, जहां उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं। इस कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जेल में रहने वाले अन्य योद्धाओं को भी सम्मानित किया गया। अटवाल और संधू ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ मिलकर उन्हें सिरोपा और प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया।


इस अवसर पर नरिंदर गोल्डी, बलविंदर गिल, विक्की कपूर, गुरशरण सिंह बिल्ला, सतपाल डोगरा, शक्ति कल्याण आदि भी उपस्थित थे। अटवाल ने कहा कि 50 साल पहले देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसे भारतीय राजनीति के इतिहास का काला अध्याय माना जाता है।