आम आदमी पार्टी ने महागठबंधन से अलग होकर बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान

महागठबंधन को आम आदमी पार्टी का झटका
आम आदमी पार्टी (AAP) ने महागठबंधन INDIA से अलग होने का निर्णय लिया है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह भविष्य में किसी भी चुनाव में अकेले ही भाग लेगी। खासकर बिहार विधानसभा चुनाव के लिए, AAP ने 243 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
दिल्ली चुनाव के बाद बदली पार्टी की रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद, आम आदमी पार्टी ने अब पंजाब और अन्य संभावित राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, AAP विभिन्न राज्यों में अपने संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। पार्टी के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित अन्य वरिष्ठ नेता प्रचार की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
राज्यों को दो श्रेणियों में बांटा गया
पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत राज्यों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है। A श्रेणी में वे राज्य शामिल हैं जहां पार्टी को मुख्य चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, और जहां केजरीवाल खुद सक्रिय रहेंगे। इनमें गुजरात, हिमाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली और गोवा शामिल हैं। दूसरी ओर, B श्रेणी में वे राज्य हैं जहां स्थानीय नेतृत्व चुनाव की दिशा तय करेगा।
बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी
बिहार में, पार्टी बूथ स्तर पर संगठन निर्माण में जुटी हुई है। AAP के बिहार प्रभारी अजेश यादव ने कहा कि पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। वे बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वर्तमान में, पार्टी सीमांचल क्षेत्र में अपनी यात्रा कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि AAP सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
आगामी चुनावों की योजना
पार्टी ने अगले दो वर्षों के लिए अपनी चुनावी योजना भी तैयार कर ली है। 2026 में असम विधानसभा चुनाव के लिए केजरीवाल खुद प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे। 2027 में, AAP उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गोवा और गुजरात विधानसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।
दिल्ली चुनाव में मिली हार
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसे केवल 22 सीटों पर जीत मिली। इसके विपरीत, भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने लगातार तीसरे चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती।