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आरएसएस प्रमुख के बयान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू नहीं रहेंगे, तो दुनिया भी नहीं रहेगी। इस पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं, सवाल उठाते हुए कि हिंदू क्यों समाप्त होंगे। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और नेताओं की प्रतिक्रियाएँ।
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आरएसएस प्रमुख के बयान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

विपक्ष का आरएसएस प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सियासी हलचल: मणिपुर में दिए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा, "यदि हिंदू नहीं रहेंगे, तो दुनिया भी नहीं रहेगी, क्योंकि धर्म का सही अर्थ और मार्गदर्शन समय-समय पर हिंदू समाज ही प्रदान करता है।" इस पर कांग्रेस के नेताओं ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि हिंदू क्यों समाप्त होंगे।

कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने मीडिया से कहा, "हिंदू क्यों खत्म होंगे, और कैसे खत्म होंगे? मोहन भागवत जी का यह बयान देने का क्या उद्देश्य है? उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए।" वहीं, कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने कहा, "इस देश में हिंदुओं के खत्म होने का कोई सवाल नहीं है—यहां 125 करोड़ से अधिक हिंदू हैं। वे क्यों खत्म होंगे? आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? धर्म पर नहीं, विकास पर ध्यान दें।"

आरएसएस प्रमुख के बयान पर समाजवादी पार्टी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। सपा नेता फखरुल हसन चांद ने कहा, "इस देश में हर किसी को संविधान से सुरक्षा मिली हुई है। उनके अधिकार सुरक्षित हैं। जो कोई भी यह सोचता है कि देश या दुनिया से कोई धर्म समाप्त हो जाएगा, वह गलत है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां लोकतंत्र मजबूत है और सभी के धार्मिक अधिकार सुरक्षित हैं..."

मोहन भागवत का पूर्व बयान

इंफाल में जनजातीय नेताओं के साथ बैठक में भागवत ने कहा कि "परिस्थितियों का विचार सभी को करना चाहिए। परिस्थितियाँ आती हैं और जाती हैं। दुनिया के विभिन्न देशों पर कई प्रकार की परिस्थितियाँ आई हैं और गई हैं। कुछ देश इस प्रक्रिया में समाप्त हो गए। यूनान, मिस्र और रोम जैसे देशों का उदाहरण दिया जा सकता है। कुछ बातें हैं जो हमारी अस्तित्व को मिटा नहीं सकतीं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत एक अमर समाज और सभ्यता का प्रतीक है। बाकी सब आए, चमके और चले गए। इन सबका उदय और अस्त हमने देखा है।"

आरएसएस ने कहा, "हम (भारतीय संस्कृति) अभी भी हैं और रहेंगे क्योंकि हमने अपने समाज का बुनियादी नेटवर्क बनाया है। जिसके कारण हिंदू समाज बना रहेगा। यदि हिंदू नहीं रहेंगे, तो दुनिया नहीं रहेगी। धर्म का सही अर्थ और मार्गदर्शन समय-समय पर हिंदू समाज ही देता है।" उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस किसी के खिलाफ नहीं है; इसका गठन समाज को समृद्ध करने के लिए किया गया है।