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आरजेडी में चुनावी प्रक्रिया: तेजस्वी यादव की अध्यक्षता की संभावना

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नई टीम का गठन किया जाएगा। पहले चरण के चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं, और अब अगले चरणों की तैयारी की जा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंपी जाएगी या लालू यादव फिर से अध्यक्ष बनेंगे। 5 जुलाई को होने वाले चुनाव में यह तय होगा कि आरजेडी का नेतृत्व किसके हाथ में होगा।
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आरजेडी में चुनावी प्रक्रिया: तेजस्वी यादव की अध्यक्षता की संभावना

आरजेडी में चुनावी गतिविधियाँ तेज

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में संगठनात्मक चुनावों का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है, और अब अगले दो चरणों की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। इन चुनावों के माध्यम से पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नई टीम का गठन किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या तेजस्वी यादव को इस बार पार्टी की कमान सौंपी जाएगी?


चुनाव की प्रक्रिया का विवरण

आरजेडी के राष्ट्रीय सहायक निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने जानकारी दी कि बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों में प्राथमिक और पंचायत स्तर के चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। अब 31 मई से प्रखंड स्तर के चुनाव होंगे, इसके बाद 5 जून को जिला इकाइयों के लिए मतदान होगा। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 14 जून से शुरू होगी और 5 जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।


लोकतांत्रिक तरीके से हो रहे चुनाव

पार्टी के चुनाव पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हो रहे हैं। प्रखंड डेलीगेट्स की सूची को राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने स्वीकृति दे दी है। इन डेलीगेट्स के माध्यम से आगे के ब्लॉक, जिला और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। झारखंड और अन्य राज्यों में भी चुनाव अधिकारी डेलीगेट्स की सूची जारी कर चुके हैं।


लालू यादव की अध्यक्षता की संभावनाएँ

पार्टी के भीतर यह चर्चा चल रही है कि क्या लालू प्रसाद यादव एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं। हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि पार्टी अब युवाओं को आगे लाना चाहती है। यदि तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है, तो यह आरजेडी में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।


जगदानंद सिंह की स्थिति पर चर्चा

प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के भविष्य पर भी चर्चा हो रही है कि क्या वे फिर से इस पद पर बने रहेंगे। वे पार्टी के पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं और आरजेडी में एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इस बार संगठन में युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। यदि तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है, तो यह संकेत होगा कि आरजेडी अब युवा नेतृत्व को आगे लाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।


5 जुलाई का चुनावी दिन

अब सभी की निगाहें 5 जुलाई पर टिकी हैं, जब आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। तब यह स्पष्ट होगा कि क्या लालू यादव फिर से अध्यक्ष बनेंगे या तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंपी जाएगी।