इंडिया गठबंधन ने पीएम मोदी से विशेष सत्र की मांग की

विशेष सत्र की मांग
इंडिया गठबंधन के 16 नेताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर विशेष सत्र बुलाने की अपील की है। इस सत्र में विपक्ष के नेता मोदी सरकार से ऑपरेशन सिंदूर और संघर्ष विराम की घोषणा पर सवाल उठाएंगे। हालांकि, आम आदमी पार्टी (आप) और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) इस मांग में शामिल नहीं हुए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों दलों ने अपने रास्ते अलग कर लिए हैं।
पत्र विपक्ष की आवाज
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने इस मुद्दे पर बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री को भेजा गया पत्र 16 राजनीतिक दलों के नेताओं के हस्ताक्षर से भरा हुआ है। उन्होंने इसे सामान्य पत्र से अधिक महत्वपूर्ण बताया और कहा कि विपक्ष जनता की आवाज है।
विशेष सत्र की आवश्यकता
संजय राउत ने आगे कहा कि देश में अब तक जो कुछ भी हुआ है, उस पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की आवश्यकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि राष्ट्रपति ट्रंप के सुझाव पर युद्ध विराम हुआ था, तो विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बावजूद विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता? क्या हमें इसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप के पास जाना चाहिए?
कांग्रेस और अन्य दलों के हस्ताक्षर
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले दलों में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (उबाठा), राजद, नेशनल कांफ्रेंस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), भाकपा (माले) लिबरेशन, केरल कांग्रेस, वीसीके और एमडीएमके शामिल हैं। इस पत्र पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी हस्ताक्षर किए हैं।