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इंडी गठबंधन की बैठक में मानसून सत्र के लिए रणनीति तैयार

नई दिल्ली में इंडी गठबंधन के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। कांग्रेस ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सदन में उठाने का निर्णय लिया है, जिसमें सुरक्षा, विदेश नीति और सामाजिक न्याय से जुड़े विषय शामिल हैं। जानें इस बैठक में क्या रणनीति बनाई गई और विपक्ष की क्या योजना है।
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इंडी गठबंधन की बैठक में मानसून सत्र के लिए रणनीति तैयार

संसद का मानसून सत्र और इंडी गठबंधन की बैठक

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र चल रहा है। इस दौरान, मंगलवार को इंडी गठबंधन के नेताओं ने संसद भवन परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें मानसून सत्र के लिए रणनीति बनाई गई और विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। गठबंधन ने यह तय किया कि वे सरकार पर दबाव बनाएंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे।


इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, और अन्य प्रमुख सांसद शामिल हुए।


कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बैठक की कुछ तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने बताया कि आज संसद भवन परिसर में इंडी गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ अन्य सांसद भी उपस्थित थे।


कांग्रेस ने जानकारी दी कि मानसून सत्र में विपक्ष कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएगा, जिनमें पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, युद्धविराम और ट्रंप के बयान, बिहार में एसआईआर के नाम पर वोटबंदी, विदेश नीति (पाकिस्तान, चीन, गाजा), डिलिमिटेशन, और दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक वर्गों पर अत्याचार शामिल हैं। इसके अलावा, अहमदाबाद प्लेन हादसा और मणिपुर हिंसा भी चर्चा में रहेंगे। प्रधानमंत्री को इन मुद्दों पर सदन में जवाब देना चाहिए।


संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है।


संसद के मानसून सत्र के पहले दिन बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी है। इसके अलावा, 'भारतीय डाक विधेयक' पर लोकसभा में 3 घंटे की चर्चा का समय तय किया गया है।