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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का संयुक्त राष्ट्र में शांति का संदेश

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने शांति, समानता और न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन का समापन इस्लामी अभिवादन के साथ किया और गाजा में शांति स्थापित करने के लिए 20,000 सैनिक भेजने की पेशकश की। जानें उनके भाषण की प्रमुख बातें और वैश्विक शांति के लिए उनके दृष्टिकोण के बारे में।
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राष्ट्रपति प्रबोवो का ऐतिहासिक भाषण

इंडोनेशिया, जो कि मुस्लिम जनसंख्या वाला सबसे बड़ा देश है, के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से एक नई चर्चा को जन्म दिया है। उनके भाषण की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह थी कि उन्होंने अपने संबोधन का समापन इस्लामी अभिवादन के साथ किया, साथ ही यहूदी, ईसाई और हिंदू परंपराओं का सम्मान करते हुए ‘ॐ शांति शांति शांति ॐ’ का उल्लेख किया।


राष्ट्रपति सुबियांतो ने 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में केवल अपने देश की स्थिति पर नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति, समानता और न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज मानवता के सामने सबसे बड़ा खतरा बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक नफरत, भेदभाव और अज्ञानता है।


उनके अनुसार, नस्लीय भेदभाव और डर के कारण दुनिया फिर से अशांति की ओर बढ़ रही है।


इंडोनेशिया ने गाजा में शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाने का भी आश्वासन दिया। राष्ट्रपति ने घोषणा की कि उनका देश गाजा या अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 20,000 से अधिक सैनिक भेजने के लिए तैयार है, ताकि शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। यह प्रस्ताव उस समय आया है जब गाजा में मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ रही है।